पटना: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले के सिलसिले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद (Lalu Yadav) के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए केंद्र की मंजूरी मिल गई है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने शुक्रवार को एक विशेष अदालत के समक्ष मंजूरी के बारे में बताया. विशेष अदालत के लिए एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान लेने के वास्ते सक्षम प्राधिकार से मुकदमा चलाने की स्वीकृति एक शर्त है. वहीं, इस मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी अभियुक्त हैं.


सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया था


सीबीआई ने पिछले साल सात अक्टूबर को लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में कथित नियुक्ति के बदले में लालू के परिवार के सदस्यों को जमीन उपहार में देने या बेचने को लेकर आरोपपत्र दाखिल किया था. हालांकि, आरोप पत्र का संज्ञान लिया जाना लंबित था. लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती और रेलवे के एक पूर्व महाप्रबंधक को भी सीबीआई की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोप पत्र में आरोपी के रूप में नामजद किया गया था.


2021 में कर दिया गया था बंद


बता दें कि सीबीआई ने लालू यादव के खिलाफ आईआरसीटीसी का एक पुराना मामला फिर से खोल दिया गया है. इससे पहले इस मामले को साल 2021 में बंद कर दिया गया था. इस मामले में लालू यादव के अलावा उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनकी बेटी चंदा यादव और रागिनी यादव को भी अभियुक्त बनाया गया है. वहीं, इस केस को दोबारा ओपन करने पर खूब राजनीतिक बयानबाजी हुई थी. डिप्टी सीएम ने कहा कि सीबीआई को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि सीबीआई को तो मैंने अपने आवास में ही दफ्तर खोलने के लिए कहा था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारा करते हुए कहा था कि लालू यादव के खिलाफ सीबीआई ने जांच इसलिए शुरू की गई है क्योंकि हम लोग फिर से साथ आ गए हैं.


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