पटना: आमतौर पर चुनाव के दौरान नेताओं का दलबदल देखने को मिलता है, लेकिन बिहार में चुनाव गुजरने के दो महीने बाद भी दलबदल का सिलसिला जारी है. जेडीयू ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक जमां खां को पार्टी की सदस्यता दिलाई, तो बीजेपी ने बुधवार को मिलन समारोह का आयोजन कर आरजेडी सहित विभिन्न दलों के 21 नेताओं को पार्टी में शामिल करवा लिया. इस बीच, एनडीए में शामिल दोनों दल बीजेपी और जेडीयू सांगठनिक ढांचे में बदलाव कर भी संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं. जेडीयू ने संगठन में बदलाव करते हुए कई जिलों के अध्यक्षों का बदलाव किया तो उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी ने जिले में प्रभारी नियुक्त कर दिए.


सूत्रों का कहना है कि पूर्व में बीजेपी की नजर उन इलाकों में कम होती थी, जिन इलाकों में उनकी सहयोगी पार्टी जेडीयू की मजबूत पकड़ होती थी, लेकिन पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए में सबसे अधिक सीट प्राप्त करने के बाद बीजेपी की नजर अब पूरे राज्य में है. विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू ने संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए आरसीपी सिंह को अध्यक्ष बनाकर संकेत दे दिया था कि पार्टी संगठन में आमूलचूल परिवर्तन कर संगठन को मजबूत बनाएगी. इसके बाद पार्टी ने कई जिलों के अध्यक्षों को भी बदल दिया. इधर, विधानसभा में अपनी ताकत बढ़ाने को लेकर संजीदा जेडीयू ने बसपा के बिहार में एकमात्र विधायक जमा खां को जेडीयू में शामिल कर लिया.


21 नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली


इधर, बीजेपी में भी बुधवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह आयोजित हुआ, जिसमें आरजेडी के पूर्व सांसद सीताराम यादव, पूर्व विधान पार्षद दिलीप कुमार यादव सहित विभिन्न दलों के करीब 21 नेताओं ने प्रभारी भूपेंद्र यादव के सामने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. उल्लेखनीय है कि पूर्व में ही विभिन्न दलों के नेताओं ने खरमास महीने के गुजर जाने के बाद नेताओं के टूटने का दावा किया था. 14 जनवरी के बाद इसकी शुरूआत जेडीयू ने कर दी.


इधर, आरजेडी को हालांकि यह दलबदल रास नहीं आ रहा है. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि बीजेपी और जेडीयू के पास 'अपना' नेता नहीं है. उन्होंने कहा, "ये दोनों दल 'आयातित व एक्सपायरी नेताओं' के जरिए पार्टी चलाने के जुगाड़ में हैं, यह बिहार क्या चलाएंगें." उन्होंने बीजेपी और जेडीयू को 'बटोरन पार्टी' बताते हुए कहा कि यह अन्य दलों के नेताओं को बटोरकर राजनीति करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आरजेडी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है, ऐसे 'एक्सपायर' नेताओं के जाने से पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.


नेतृत्व विहीन दलों से मोहभंग होना स्वाभाविक- भूपेंद्र यादव


बीजेपी के मिलन समारोह में आरजेडी के पूर्व सांसद और लालू यादव के बेहद करीबी रहे सीताराम यादव, पूर्व विधान पार्षद दिलीप कुमार यादव, आरजेडी के पूर्व महासचिव संतोष मेहता, पूर्व उपाध्यक्ष रामजी मांझी सहित आरजेडी के कई नेता बीजेपी का दामन थामा है. इधर, बीजेपी के महामंत्री और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा, "अगर आरजेडी, कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता उन्हें छोड़कर बीजेपी के साथ जा रहे हैं तो इसका सीधा मतलब है कि उनका अपने नेतृत्व की कार्यशैली पर भरोसा नहीं है. उन्हें भरोसेमंद नेतृत्व चाहिए, जो बीजेपी देश को दे रही है. नीति, नीयत व नेतृत्व विहीन दलों से लोगों का मोहभंग होना स्वाभाविक है."


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