सुपौल: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में ग्रेनेड हमले में गुरुवार की रात सुपौल के पीपरा थाना इलाके के सखुआ परसा गांव निवासी युवक मो. मुमताज की मौत हो गई. देर रात परिजनों को इसकी जानकारी मिली जिसके बाद कोहराम मच गया. घटना के बाद पूरा परिवार सदमे में है. मुमताज दो साल पहले घर से कमाने के लिए निकला था. अभी बीते छह महीने पहले ही वह जम्मू कश्मीर गया था. वहां रजाई बुनाई का काम करता था.


बताया जाता है कि मुमताज आठ भाई-बहनों में सबसे बड़ा था. अपनी मां को बचपन में ही खो चुका मुमताज पहले दिल्ली में रहकर मजदूरी करता था फिर पुलवामा चला गया. वहां जाकर रजाई बुनाई का काम करने लगा. बेटे को खोने का दर्द क्या होता है ये एक पिता ही जानता है. मुमताज के पिता रो-रोकर बेटे की याद में बेहोश हो रहे थे. पिता का कहना था कि पांच दिन पहले ही उनकी मुमताज से बात हुई थी. मुहर्रम में पैसे भेजने की बात कही थी. अब मेरा राजा बेटा चला गया. अब कौन मेरे परिवार को देखेगा.


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आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग


इस घटना के बाद गांव के लोग मुमताज के पिता और परिवार को सांत्वना दे रहे हैं. वहीं दूसरी ओर लोगों ने सरकार से आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. गांव के एक युवक ने बताया कि मुमताज के परिवार की हालत काफी बेहतर नहीं है. सरकार परिवार की मदद करे जिससे परिवार का गुजर बसर हो सके. कहा जा रहा है कि रात एक बजे सूचना मिली थी कि उनके बेटे की मौत हो गई है.


मृतक मो. मुमताज के अलावा सुपौल जिले से ही रामपुर के रहने वाले मो. आरिफ ओर उनके बेटे मो मजबूल भी इस ग्रेनेड हमले में घायल हैं. उनका इलाज कश्मीर में चल रहा है.


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