कैमूर: बिहार में भी बालासोर जैसी ट्रेन दुर्घटना हो सकती थी. भभुआ रोड रेलवे स्टेशन पर रविवार (30 जुलाई) को कुछ ऐसा ही नजारा दिखा. 13152 डाउन जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर रुकने की जगह रिवर्सिबल लाइन में चली गई. कुछ दूर तक ट्रेन चलती रही. संयोग अच्छा था कि रिवर्सिबल लाइन पर दूसरी तरफ से गाड़ी नहीं आ रही थी. लापरवाही किसकी है यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इसके चलते लगभग ढाई घंटे ट्रैक पर ही ट्रेन खड़ी रही.


घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर डीआरएम सहित आधा दर्जन से अधिक रेलवे विभाग के अधिकारी पहुंच गए. करीब ढाई घंटे बाद जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस को आगे के लिए रवाना किया गया. इस पूरे मामले में जांच टीम का गठन किया गया है. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी. यात्रियों ने ट्रेन के ड्राइवर के सामने बवाल काटा. आरपीएफ लोगों को समझाने में जुटी रही.



यात्री बोले- हमलोग मरते-मरते बचे


जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस में मौजूद एक रेल यात्री सूचित पांडेय ने बताया कि ट्रेन को प्लेटफॉर्म नंबर 3 के डाउन रेलवे ट्रैक पर रुकना था लेकिन यह रिवर्सिबल (दूसरे ट्रैक) लाइन पर चली गई. अगर सामने से गाड़ी आती तो ओडिशा वाला हादसा यहां भी हो जाता. हम लोग मरते मरते बच गए.


पंडित दीनदयाल उपाध्याय के डीआरएम राजेश गुप्ता ने बताया 13152 डाउन सियालदह एक्सप्रेस को जहां रुकना था वह नहीं रुक कर आगे जाकर रुकी. गाड़ी को डाउन ट्रैक पर रुकना था, लेकिन यह रिवर्सिबल ट्रैक पर चली गई. पूरे मामले की जांच चल रही है. कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. जम्मू से चलकर सियालदह के लिए ट्रेन जा रही थी. रिवर्सिबल लाइन उस समय खाली थी. चालक ने ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोक दिया.


डीआरए ने कहा कि जांच में पता चलेगा कि किस स्तर से लापरवाही बरती गई है. कल से एक कमेटी बैठेगी. दो से तीन दिनों में जांच रिपोर्ट आ जाएगी, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी. अगर ट्रैक खाली नहीं रहता तो बड़ा हादसा हो सकता था.


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