Jan Suraaj Candidates Filed Nomination: बिहार में इन दिनों उपचुनाव को लेकर राजनीति गर्म है. इस बीच जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर गुरुवार (24 अक्टूबर) को गया में नामांकन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, जहां जनसुराज पार्टी के इमामगंज विधानसभा उपचुनाव से डॉ जितेंद्र पासवान और बेलागंज विधानसभा से मो. अमजद ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया है. इस दौरान प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार में बदलाव की शंखनाद की पहचान पदयात्रा है. पिछले ढाई सालों में 5 हजार से ज्यादा गांवों में पैदल चल कर गया हूं और उस पदयात्रा के जन जागरण का परिणाम जनसुराज है, जिसका पहला चुनावी अभियान शुरू हो रहा है.


'ये जन सुराज के पहले चुनावी अभियान है'- प्रशांत किशोर 


उम्मीदवारों के नामांकन के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज के पहले चुनावी अभियान में इमामगंज और बेलागंज के प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया है. बेलागंज और इमामगंज में जो राजनीतिक जमींदार बैठे हैं, उस क्षेत्र की जनता से उसे आजाद कराने का अभियान है. अब बिहार में नेता का बेटा नेता नहीं बनेगा. अगर गरीब का लड़का भी ताकत जज्बा रखता है, तो अब वही चुनाव जीतेगा. जन सुराज वह प्लेटफार्म है. वह विकल्प है कि मजबूरी में किसी को बीजेपी के डर से लालू को और लालू के डर से बीजेपी को वोट न देना पड़े.


दोनों क्षेत्रों के मतदाताओं को ध्यान रखना है कि यह वोट सिर्फ विधायक का नहीं है. अगर आप नीतीश कुमार को वोट दे रहे हैं या बीजेपी को वोट दे रहे हैं तो याद रखिए कि यही वो आदमी है, जो आपसे डेढ़ साल पहले छल कर गया था और महागठबंधन के साथ जाकर सरकार बनाया था. जिन अपराधियों के नेता और जिन अपराधियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं. उनको यही नीतीश कुमार ने मंत्री बनाया था. यह जनता को याद दिलाना चाहते हैं कि अगर आप नीतीश कुमार का बटन दबाते हैं या एनडीए का बटन दबाते हैं तो याद रखिए कि यही वो आदमी है, जो भूमि सर्वे के नाम पर घर-घर झगड़ा कराया है. लोगों ने कष्ट झेला है. हजारों रुपये का भ्रष्टाचार हो रहा है.


अगर एनडीए को वोट देते है तो आपको यह पैसा देना पड़ेगा. गरीब जनता को याद रखना चाहिए कि यही नीतीश कुमार हैं, जो स्मार्ट मीटर लगाकर लोगों के जीवन में अंधकार कर रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई और पलायन इसकी कोई चिंता नहीं है. इस आदमी को अपने सिर्फ कुर्सी की चिंता है. इसलिए नीतीश कुमार को हटाने के लिए यह वोट देना है. साथ ही अपराधियों का जो जंगलराज बिहार में था, वह वापस नहीं आए. इसके लिए सिर्फ एक मात्र विकल्प जन सुराज है.


'प्रत्याशियों का बदलाव रणनीति का हिस्सा'


प्रत्याशियों के बदलाव पर उन्होंने कहा कि आज पूरा देश प्रशांत किशोर को चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जानता है, यह मेरी रणनीति का हिस्सा है. यह कैसे नहीं कहेंगे. परिणाम के दिन देखिएगा की यह रणनीति का हिस्सा था या यह मेरी गलती थी. कन्फ्यूज तब होते अगर बेलागंज से खिलाफत हुसैन आज उम्मीदवार के तौर पर खड़े होते. कन्फ्यूज तब होते जब अमजद के साथ जनता जुड़ी नहीं होती. यह मेरा अपना चुनाव लड़ने का तरीका है.


उन्होंने बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि बंगाल में मैने कहा था कि नरेंद्र मोदी की बहुत लोकप्रियता है. बीजेपी को 40 प्रतिशत वोट आ रहे हैं और साथ में यह भी कहा कि इसके बाबजदू बीजेपी को 100 के नीचे हराएंगे. इस पर भाजपाई नेता उछल रहे थे कि प्रशांत किशोर ने तो हार मान ली है. जब परिणाम आया तो लोगों ने देखा कि क्या हुआ..? प्रत्याशियों का बदलाव रणनीत का हिस्सा है. परिणाम के दिन यह फर्क दिखेगा.


ये भी पढ़ेंः Bihar PACS: बिहार पैक्स चुनाव में धांधली की आशंका, नवादा की इस पंचायत में कई मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब