BPSC Student Protest: बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 4 जनवरी को कराए गए रि-एग्जाम को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया आई है. एएनआई से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि दोबारा परीक्षा आयोजित करके सरकार ने कानूनी तौर पर स्वीकार किया है कि छात्रों के एक निश्चित अनुपात के साथ परीक्षा में अनियमितता हुई थी. तभी 7-8 हजार छात्रों ने एग्जाम दिया है. जितने छात्रों के एग्जाम देने की बात कही जा रही है उससे आधे अभ्यर्थियों ने ही एग्जाम दिया है इससे साबित होता है कि छात्रों का BPSC की व्यवस्था पर इतना भरोसा नहीं है.


प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ये प्रमाणित हो गया है कि एक ही पद के लिए दो अलग-अलग एग्जाम हुए. जिसमें दो अलग-अलग तरीके के प्रश्नपत्र आए. पहले 3.85 हजार छात्रों ने पहले एग्जाम दिया था और 7-8 हजार छात्रों ने एक एग्जाम दिया है इन दोनों में समानता कैसी आएगी, इसको लेकर कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.



‘बस छात्रों का काम होना चाहिए’
एक अन्य सवाल के जवाब में जन सुराज संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा मेरी आलोचना करना कोई नई बात नहीं है. राजनीति अलग है लेकिन यहां जन सुराज का बैनर नहीं है, मैं यहां छात्रों के समर्थन में आया हूं. कोई भी आकर नेतृत्व कर सकता है, चाहे राहुल गांधी हों या तेजस्वी यादव, हम पीछे खड़े होने के लिए तैयार हैं. बस छात्रों का काम होना चाहिए. 


‘मैं जो कहता हूं उसपर कायम रहता हूं’
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं इस अनशन पर अडिग हूं, सरकार को तय करना है कि वह आगे क्या करना चाहती है. सरकार अगर नहीं मानेगी तो मैं अनशन पर बैठा रहूंगा. सरकार अगर मुझे गिरफ्तार करवाना चाहती है तो करवा दे लेकिन गिरफ्तार करने से प्रशांत किशोर और जनसुराज खत्म नहीं होगा, ये मुद्दा खत्म नहीं होगा. मैं जो कहता हूं उसपर कायम रहता हूं मैं इस काम को ज्यादा तैयारी से 10-20 गुणा ज्यादा स्तर पर करूंगा.


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