पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) हर सोमवार को जनता दरबार (Janta Darbar) लगाते हैं. पांच सालों बाद दोबारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जनता की फरियाद सुनते हैं औए संबंधित अधिकारी को उसका त्वरित समाधान करने का निर्देश देते हैं. इसी क्रम में आज भी दरबार में वे लोगों की समस्या सुन रहे थे. इसी क्रम में एक छात्र की समस्या सुनकर वे चौंक गए और तुरंत अधिकारियों को बुलावा भेजा. अधिकारियों के आने पर पहले उन्होंने उनसे सवाल किया और फिर समस्या का समाधान तुरंत करने का आदेश दिया. 


क्या है पूरा मामला?


दरअसल, जनता दरबार आए छात्र ने मुख्यमंत्री को ये बताया कि वो पिछड़ी जाति से आता है और साल 2017 में ही उसने मैट्रिक की परीक्षा पास की है. लेकिन प्रथम श्रेणी से पास होने के बावजूद जो प्रोत्साहन राशि सरकार के ओर से दी जाती है, वो उसे अब तक नहीं मिली है. जब मुख्यमंत्री ने इसका कारण पूछा तब छात्र ने बताया कि कारण उसे भी नहीं पता है. जब वो कारण पूछने शिक्षा विभाग के ऑफिस जाता है, तो उसे धक्के मारकर भगा दिया जाता है. 


मुख्यमंत्री ने पूछा कारण


ये सुनकर मुख्यमंत्री ने अपने पास खड़े अधिकारी से कहा कि पिछड़ा विभाग के सचिव को बुलाइये. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी फ़ोन लगाइए. अधिकारियों के आने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें सारी वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए पूछा कि प्रोत्साहन राशि अब तक क्यों नहीं मिली है. ये तो बहुत पहले मिल जाना चाहिए था. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस मामले को तुरंत देखिए. कोई भी योजना हो उसका लाभ जरूर दीजिए. 2017 की ही बात है. 


बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है, छात्रों और युवाओं की फरियाद को लेकर मुख्यमंत्री कुछ ज्यादा ही संवेदनशील रहते हैं. एक बार जब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से जुड़ी समस्याओं को लेकर कई छात्र जनता दरबार आए थे, तब भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बुलाकर तुरंत सभी परेशानियों का समाधान करने का निर्देश दिया था.



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