पप्पू यादव की जमानत याचिका खारिज होने से नाराज कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, सरकार को दी चेतावनी
छात्र नेत्री प्रिया राज ने कहा कि पप्पू यादव को जमानत नहीं मिलने से पार्टी कार्यकर्ता निराश नहीं हुए हैं. बल्कि और भी ज्यादा मजबूत हो गए हैं. बेल रिजेक्ट होने से ये स्पष्ट हो गया है कि बिहार की डबल इंजन की सरकार कहीं न कहीं हस्तक्षेप कर रही है.
दरभंगा: जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद पप्पू यादव को जमानत नहीं मिलने से खफा जाप कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन के बीच प्रदर्शन किया. बिहार के दरभंगा जिले में सैकड़ों जाप कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और शहर के कर्पूरी चौक पर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया.
इस अवसर पर पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुन्ना खान ने कहा कि पप्पू यादव की लोकप्रियता से सरकार डर गई है. सरकार के हस्तक्षेप के कारण उन्हें जमानत नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है. एक न एक दिन जरूर न्यायालय से उन्हें न्याय मिलेगा.
सरकार पप्पू यादव के खिलाफ रच रही है साजिश
वहीं, छात्र नेत्री प्रिया राज ने कहा कि पप्पू यादव को जमानत नहीं मिलने से पार्टी कार्यकर्ता निराश नहीं हुए हैं. बल्कि और भी ज्यादा मजबूत हो गए हैं. बेल रिजेक्ट होने से ये स्पष्ट हो गया है कि बिहार की डबल इंजन की सरकार कहीं न कहीं हस्तक्षेप कर रही है.
उन्होंने कहा कि बिहार की स्थिति क्या है, वह किसी से छिपी नहीं है. लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है. ऐसे में अगर बिहार सरकार ने पप्पू यादव की जमानत में हस्तक्षेप करना नहीं छोड़ा, तो बिहार में उग्र आंदोलन होगा.
बिहार में होगा उग्र आंदोलन
गौरतलब है कि 11 मई को पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना की पुलिस ने पप्पू यादव को उनके बुद्धा कॉलोनी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था. लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई थी. हालांकि, उसी दिन शाम में बिहार पुलिस की टीम मधेपुरा जिले से पटना पहुंची और 32 साल पुराने मामले में उन्हें गिरफ्तार कर मधेपुरा लेकर चली गई. कोर्ट में वर्चुअल पेशी के बाद उन्हें सुपौल के वीरपुर जेल भेज दिया गया.
हालांकि, वीरपुर जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद पप्पू यादव को इलाज के लिए डीएमसीएच भेज दिया गया है. फिलहाल वो डीएमसीएच में इलाजरत हैं. बीच में उन्हें पटना लाने की चर्चा चल रही थी. लेकिन पप्पू यादव ने खुद पटना आने से इंकार कर दिया.
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