विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू और एलजेपी नेता आए आमने-सामने, खुलकर कर रहे एक दूसरे की फजीहत
सीएम नीतीश को लेकर चिराग के ट्वीट करने के बाद पार्टी नेताओं के सब्र का बांध टूट गया और एक के बाद एक उन्होंने चिराग पर हमला बोला है. इधर, एलजेपी नेताओं ने भी जेडीयू नेताओं के बयान का पलटवार किया है.
![विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू और एलजेपी नेता आए आमने-सामने, खुलकर कर रहे एक दूसरे की फजीहत JDU and LJP leaders came face to face before the assembly elections, furiously fighting each other ann विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू और एलजेपी नेता आए आमने-सामने, खुलकर कर रहे एक दूसरे की फजीहत](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/13022656/CollageMaker_20200812_204125819_copy_720x540.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पटना: लंबे समय से जेडीयू और एलजेपी के बीच चल रहा कोल्ड वॉर अब बाहर आने लगा है. दोनों दलों के नेता अब खुलकर एक-दूसरे की फजीहत कर रहे हैं. दरअसल, पिछले कुछ महीनों से एलजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान रणनीति के तहत NDA के अलायंस दल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टारगेट कर रहे हैं. चिराग कर इस रैवये को पार्टी नेताओं ने लंबे समय तक नजरंदाज किया. लेकिन बुधवार को सीएम नीतीश को लेकर चिराग के ट्वीट के बाद पार्टी नेताओं के सब्र का बांध टूट गया और एक के बाद एक उन्होंने चिराग पर हमला बोला.
जेडीयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने ट्वीट कर चिराग को फटकार लगाई. उन्होंने लिखा कि, " चिराग पासवान को स्मरण न हो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 जून, 2020 के गरीब कल्याण रोजगार अभियान लॉन्चिंग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश के प्रति उदगार याद करें, जब उन्होंने मुख्यमंत्री कोरोना काल में मुख्यमंत्री महोदय के कार्यों की तारीफ में कसीदे पढ़े थे."
नीरज ने आगे लिखा, "20 जून, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ कर कहा - कोरोना से बचाव के लिए आपकी जयकार करता रहूंगा, आपके पराक्रम की बात दुनिया से करता रहूंगा, आपने हजारों-लाखों लोगों को कोरोना से बचाने का काम किया है. चिराग पासवान याद करें."
वहीं जेडीयू नेता और सांसद ललन सिंह ने चिराग को कालिदास करार देते हुए कहा कि वो जिस डाली पर बैठते हैं, उसे ही काटते हैं. ललन ने कहा, " जमीनी स्तर की हकीकत कुछ और है लेकिन उनकी समझ कुछ और है." सरकार की खामियों को उजागर करने के संबंध में उन्होंने कहा कि अच्छी बात है अगर चिराग विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. कहावत है ना निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छबाई. तो निंदक जितनी नजदीक रहे बेहतर है. नीतीश कुमार जी उनपर ध्यान नहीं देते नहीं देते हैं, वो केवल अपना काम करते हैं.
इधर, जेडीयू नेता ललन सिंह के बयान का एलजेपी प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने पलटवार कर उन्हें सूरदास कहा है. अशरफ ने कहा, " हमें तो लगता है कि ललन सिंह जी खुद ही सूरदास हो गए हैं. पूरे देश को पता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि टेस्टिंग बढ़ाएं और इस वैश्विक महामारी पर नियंत्रण पाएं. उसी बात को हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी कहा है."
उन्होंने कहा, " अब यही लग रहा ललन सिंह जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उंगली दिखा रहे हैं, जिनके आशीर्वाद से उनके मुख्यमंत्री अभी अपने पद पर आसीन हैं. उन्होंने ऐसा कह कर देश के प्रधानमंत्री को ही कालिदास कहा है न कि चिराग पासवान को. ऐसा लगता है कि ललन सिंह खुद सूरदास हो गए हैं क्योंकि उन्हें कुछ भी अच्छा या बुरा दिख नहीं रहा है.
अशरफ ने कहा, " नरेंद्र मोदी के कृपा से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, वो तीनों पार्टी के समझौते से हैं, किसी एक पार्टी के वजह से नहीं. ये आश्चर्यजनक है चूंकि ललन सिंह बड़बोले नेता हैं इसलिए बोलने में वो भूल जाते हैं और सूरदास हो जाते हैं, उनको कुछ दिखता ही नहीं. नीतीश कुमार को उनके आखों को खोलने की जरूरत है, ताकि वो देखकर देश के प्रधानमंत्री पर इस तरह की टिप्पणी करने से बचें."
एनडीए में कुछ ठीक नहीं चल रहा इसपर उन्होंने कहा कि यह कहने के मैं अधिकृत व्यक्ति नहीं हूं. इस विषय पर चिराग पासवान ही कुछ बोल सकते हैं.
दरअसल, यह सारा विवाद बुधवार को किए गए चिराग पासवान के ट्वीट से शुरू हुआ है. मंगलवार की बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर जिन राज्यों में कोरोना का प्रभाव ज्यादा है, वहां जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में अन्य राज्यों के साथ ही बिहार का भी नाम लिखा है. उनके इसी ट्वीट को आधार बना कर चिराग ने सीएम नीतीश को घेरा है.
चिराग ने पीएमओ के ट्वीट को रिट्वीट कर लिखा, " पूर्व से ही यह माँग लोक जनशक्ति पार्टी करती आयी है कि बिहार में कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। अब प्रधानमंत्री जी के हस्तक्षेप कर सुझाव देने के बाद आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि बिहार सरकार टेस्टिंग बढ़ाएगी ताकि बिहार को कोरोना से सुरक्षित किया जा सके."
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