(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Election 2024: बिहार में BJP की 'फलाहार पॉलिटिक्स' क्या हिंदू वोट बैंक को देगी हवा? शुरू हुई सियासत
BJP Politics: इस बार नवरात्रि में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा फलाहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. वहीं, इसको लेकर बिहार की राजनीति में अलग-्अलग मायने निकाले जा रहे हैं.
पटना: अगले साल होने वाले संभावित लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर सभी दल अपनी-अपनी रणनीति के तहत तैयारी में जुट गए हैं. इस बीच, बीजेपी (BJP) अपने हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देने में जुटी है. वैसे, बिहार में इफ्तार को लेकर सियासत कोई नई बात नहीं है. आरजेडी और जेडीयू (RJD And JDU) के नेता रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी का आयोजन करते रहे हैं. इस नवरात्रि को लेकर बीजेपी (BJP) के कई नेताओं ने फलाहार का आयोजन किया है. बीजेपी के नेताओं का कहना है कि अगर रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी आयोजित की जा सकती है तो नवरात्र के मौके पर सनातन धर्मावलंबी उपवास करते हैं, ऐसे में फलाहार पार्टी देने में क्या बुराई है.
नेता प्रतिपक्ष ने दी फलाहार पार्टी
इस नवरात्रि में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, प्रदेश के कोषाध्यक्ष राकेश सिन्हा, प्रवक्ता नीरज कुमार सहित कई नेताओं ने फलाहार पार्टी आयोजित की, जिसमें पार्टी के नेताओं के अलावा आम लोगों को आमंत्रित किया गया. बड़ी संख्या में लोग भी इनकी फलाहार पार्टियों में पहुंचे. विधानसभा में विपक्ष के नेता सिन्हा कहते हैं कि महागठबंधन के लोग तुष्टिकरण के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं, जबकि बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सभी वर्गों के संतुष्टिकरण सिद्धांत के तहत नवरात्र में फलाहार प्रसाद का निरंतर आयोजन करेगी.
फलाहार पार्टी में शामिल हुए बीजेपी के कई दिग्गज
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सनातन धर्म का अपमान और इसके प्रति भ्रामक वातावरण बनाना सनातन विरोधियों की आदत बन गई है. फलाहार का आयोजन इन अराजकतत्वों को सकारात्मक संदेश देने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि शक्ति की भक्ति से ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा. वहीं, सिन्हा द्वारा आयोजित फलाहार कार्यक्रम में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित बीजेपी के कई नेता पहुंचे.
'बीजेपी की शुरू से ही राजनीति मंदिर के इर्द गिर्द घूमती है'
इधर, जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन कहते हैं कि बीजेपी की शुरू से ही राजनीति मंदिर के इर्द गिर्द घूमती है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा छह महीने के बाद बीजेपी के नेताओं को फलाहार ही करना होगा और मंदिर में ही जाकर बैठना होगा. जनता इनकी सियासत को जान चुकी है. राजीव रंजन ने बीजेपी के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि अभी भी बीजेपी के नेताओं के पास समय है कि जनता से जुड़े कामों पर ध्यान दे, शायद लोग कुछ इन्हें दे दें. इधर, बिहार के मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि बीजेपी को हिन्दू-मुस्लिम के अलावा और कुछ नहीं आता है. सिर्फ फलाहार, इफ्तार, चंदन, रुद्राक्ष, टिकी पर बोलेंगे, लेकिन जनता क्या चाहती है, इसपर कुछ नहीं बोलेंगे.
हम गंगा जमुनी संस्कृति के लोग हैं- अशोक चौधरी
मंत्री ने आगे कहा कि ये महाघृनित टाइप के लोग हैं. देश की जो आत्मा है, उसको समझना होगा. हम गंगा जमुनी संस्कृति के लोग हैं. बीजेपी के पास हिंदू-मुस्लिम करने के अलावा और कुछ नहीं है. वहीं, बीजेपी के नेता और बिहार के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा का कहना है कि आखिर महागठबंधन के नेताओं को हमारे फलाहार के आयोजन से इतनी घृणा क्यों है. हमलोगों ने तो इफ्तार का विरोध कभी नहीं किया. उन्होंने कहा कि सभी को अपने अपने धर्म को लेकर कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर छूट है. सभी इसे आयोजित करते हैं.
फलाहार कार्यक्रम को लेकर प्रदेश में हो रही है सियासत
बहरहाल, बीजेपी के नेताओं द्वारा किए जा रहे फलाहार कार्यक्रम को लेकर प्रदेश में सियासत जमकर हो रही है. माना जा रहा है कि महागठबंधन के नेता जहां बीजेपी को हिंदुत्व के मुद्दे को कुंद करने की रणनीति को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, वहीं, बीजेपी विभिन्न मामलों के जरिए हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देने में जुटी है. अब किसके मुद्दे को जनता पसंद करती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
ये भी पढ़ें: Navratri 2023: सीएम नीतीश कुमार ने शीतला मंदिर और पटनदेवी में की पूजा, प्रदेशवासियों को दी नवरात्रि की बधाई