किसान आंदोलन के बीच कृषि कानून को लेकर JDU का दांव, बिहार के लिए की ये बड़ी मांग
जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि पोर्ट, एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट के लिए एक बहुत बड़ा हब होता है. लिए मेरा अनुरोध है कि एक पॉलिसी बनाई जाए, जिसके तहत कोस्टल एरिया में लैंड लॉक्ड स्टेट को भी अपना पोर्ट बनाने की सुविधा मिले.
पटना: देशभर में तीनों कृषि कानून को लेकर जारी विवाद और आंदलोन के बीच जेडीयू ने राज्यसभा में तीनों कृषि कानून का समर्थन किया है. हालांकि, पार्टी की ओर से संदन में जेडीयू नेता आरसीपी सिंह ने कृषि कानून को लेकर तीन सुझाव भी दिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बुधवार को सदन में कहा कि मैं कृषि कानून का सर्मथन करता हूं.
लैंड लॉक्ड स्टेट होना चाहिए एक रिप्रेजेंटेटिव
इसके बाद उन्होंने अपने तीनों सुझावों को एक-एक करके सदन के पटल पर रखा. आरसीपी सिंह ने कहा कि पोर्ट पर जो कमेटी बनाई गई है, उसमें एक-एक रिप्रेजेंटेटिव हर स्टेट का होना है, जहां ये पोर्ट हैं. लेकिन मेरा अनुरोध है कि लैंड लॉक्ड स्टेट जिनका एक्सेस पोर्ट पर नहीं है, उनका भी एक रिप्रेजेंटेटिव कमेटी में होना चाहिए.
बिहार को पोर्ट बनाने की मिले अनुमति
वहीं, दूसरा सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि पोर्ट, एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट के लिए एक बहुत बड़ा हब होता है. ऐसे में जो हम हमारे लैंड लॉक्ड स्टेट हैं, जैसे- यूपी और बिहार जिनके पास अपना कोई पोर्ट नहीं है. उनके लिए मेरा अनुरोध है कि एक पॉलिसी बनाई जाए, जिसके तहत कोस्टल एरिया में उन्हें भी अपना पोर्ट बनाने की सुविधा मिले.
आखिरी जेडीयू अध्यक्ष ने अपने तीसरे सुझाव में एडवाइजरी बोर्ड में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को मेंबर बनाए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि हाई कोर्ट के जज को भी इस बोर्ड का मेंबर बनाया जाए.
बिहार में उद्योग की है कमी
गौरतलब है कि बिहार में उद्योग की काफी कमी है, इस वजह से विपक्ष लगातार सीएम नीतीश को घेरते नज़र आती है. विधानसभा चुनाव के दौरान भी विपक्ष ने बिहार में नए उद्योग नहीं खुलने को लेकर सीएम नीतीश पर कई सवाल उठाए थे, जिसका जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार लैंड लॉक्ड रीजन है यहां उद्योग लगाना मुश्किल है. इसके बाद उनकी काफी किरकिरी हुई थी. ऐसे में अब इस परेशानी को भी दूर करने का सीएम नीतीश ने हल निकाल लिया है.
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