बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहकर राजनीतिक हलकों में उथल-पुथल मचा दी है कि यह विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव है. उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) ने स्पष्ट रूप से उन चर्चाओं को खारिज कर दिया कि पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार राजनीति से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे हैं. 30 वर्षों से भी अधिक समय से नीतीश कुमार के साथ जुड़े रहने वाले और वर्तमान में पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख व दिग्गज समाजवादी नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने इन विवेचनाओं को खारिज कर दिया.


यह मेरा अंतिम चुनाव है: सीएम कुमार


गौरतलब है कि कुमार ने गुरुवार को पूर्णिया जिले के धमदाहा में अपने भाषण में कहा, ‘‘यह मेरा अंतिम चुनाव है. अंत भला तो सब भला." कुमार के इस बयान पर विपक्षी दलों की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आई हैं, जिनका दावा है कि कुमार के बयान से लगता है कि वह अपनी हार मान चुके हैं.


राज्यसभा सांसद ने दी अपनी प्रतिक्रिया 


राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा, ‘‘क्या कोई राजनीतिक या सामाजिक कार्यकर्ता कभी सेवानिवृत्त होता है? क्या नीतीश कुमार खुद विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं?’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘यदि पूरा बयान सुने या संदर्भ को समझे बिना विपक्ष अपनी गलतफहमी से खुश हो रहा है, तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते. जबकि तथ्य यह है कि तीसरे और अंतिम चरण के चुनाव के लिए प्रचार से कुछ समय पहले वह अपनी अंतिम चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे, जिसका वह जिक्र कर रहे थे.’’


राज्य के मंत्री संजय कुमार झा ने भी इसी तरह की बात कही. मुख्यमंत्री के करीबी झा ने पीटीआई-भाषा को बताया, "2005 के बाद से हर बार प्रचार के दौरान अपनी आखिरी जनसभा में कुमार इस तरह कहते रहे हैं. इसका यह मतलब निकालना कि यह उनका आखिरी चुनाव है, यह बिल्कुल गलत है." उन्होंने कहा, ‘‘जब तक जनता चाहती है, तब तक कुमार राज्य और यहां के लोगों की सेवा करते रहेंगे.’’


 तेजस्वी यादव ने कंसा तंज


राजद की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने इस पर कहा, "हमारी बात सही साबित हुई. हम सब कह रहे थे कि नीतीश कुमार थक चुके हैं और अब बिहार पर शासन करने में वह सक्षम नहीं है. सेवानिवृत्ति उनके लिए अच्छी रहेगी. ’’


चिराग पासवान ने भी किया वार


इसके साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने भी मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर तंज कसा है. चिराग ने ट्वीट कर कहा, ‘‘साहब ने कहा है कि यह उनका आख़िरी चुनाव है. इस बार पिछले 5 साल का हिसाब दिया नहीं और अभी से बता दिया कि अगली बार हिसाब देने आएंगे नहीं. अपना अधिकार उनको ना दें जो कल आपका आशीर्वाद फिर मांगने नहीं आएंगे. अगले चुनाव में ना साहब रहेंगे ना जेडीयू, फिर हिसाब किससे लेंगे हम लोग?’’


आपको बता दें कि 1 मार्च 1951 को जन्मे कुमार ने 1974 के "जेपी आंदोलन" से राजनीति में कदम रखा था. वहीं, कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेम चंद्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री के इस बयान को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया.


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