पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को एक बार फिर सोमवार को झटका लगा है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के साथ दो दर्जन से अधिक नेता और कार्यकर्ताओं ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है. ऐसे में सियासी गलियारे में चर्चा है कि लगातार नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ती जा रही है. इसके पहले उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) जो पार्टी में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके थे उन्होंने साथ छोड़ा. इसके बाद मीना सिंह (Meena Singh) ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया. इस तरह लगातार जेडीयू से नेता दूरी बना रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा के साथ जाने का संकेत
पूर्व सांसद मीना सिंह ने नीतीश का साथ छोड़ा और वह बीजेपी में शामिल हो गईं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नई पार्टी बना ली. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता शंभूनाथ सिन्हा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया से अपनी बात कही. उन्होंने अपने दो दर्जन से अधिक नेताओं- कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार को जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल के संग जाने के संकेत दिए.
पार्टी छोड़ने से पहले गंभीर आरोप लगाया
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शंभूनाथ सिन्हा ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया. इस दौरान अपनी बात कहते हुए उन्होंने पार्टी पर गंभीर आरोप भी लगाया. शंभूनाथ सिन्हा ने जेडीयू एवं उसके नेतृत्व पर अपने मूल सिद्धांतों से भटकने का आरोप लगाया. कहा कि जयप्रकाश, कर्पूरी एवं लोहिया के सिद्धांतों पर चलने का दावा करने वाली पार्टी आज सिर्फ सुविधाभोगी अवसरवादियों की एक जमात बनकर रह गई है.
'आज तक नहीं किसी ने नहीं सुना'
शंभूनाथ सिन्हा ने कहा कि पार्टी के 90 प्रतिशत कार्यकर्ता आज घुटन की स्थिति में हैं. कई बार उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर इस स्थिति से अवगत कराने का प्रयास किया लेकिन आज तक किसी ने नहीं सुना न ही कोई कार्रवाई हुई. ई. शशिकांत, धीरेंद्र चौधरी, राजकिशोर सिंह, डॉ. संजय कुमार समेत दो दर्जन नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ने वालों में शामिल हैं.
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