मुजफ्फरपुर: बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद जेडीयू का रवैया सख्त हो गया है. पार्टी हाई कमांड लगातार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जिनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप है. इसी क्रम में गुरुवार को पार्टी नेतृत्व ने पार्टी विरोधी कार्य में शामिल पूर्व जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा समेत पार्टी के दस पदाधिकारी और कार्यकारणी के पांच सदस्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.


 नए सिरे से संगठन के गठन में लग गई है पार्टी


इधर, इतने लोगों को निष्कासित करने के बाद पार्टी मुजफ्फरपुर में नए सिरे से संगठन के गठन में लग गई है. जिले के सभी प्रखंड कमेटी को पार्टी द्वारा भंग कर दिया गया है. दरअसल, पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा की जा रही है. इसके लिए प्रदेश कमेटी और जिला कमेटी ने एक टीम का गठन किया है. टीम सभी प्रखंड कमेटी की समीक्षा कर रही है.


प्रदेश जेडीयू को मिली थी शिकायत  


समीक्षा में यह बात सामने आई की इन नेताओं के भीतरघात के कारण ही पार्टी को विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर हार मिली है. इस संबंध में पार्टी के जिलाध्यक्ष रंजीत सहनी ने बताया कि पूर्व जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा, विजय सिंह आदि के खिलाफ प्रदेश जेडीयू को शिकायत मिली थी कि सभी लोगों ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के विरूद्ध कार्य किया है. इसलिए इन्हें निष्कासित किया गया है.


उन्होंने बताया कि अभी भी कुछ लोग हैं, जिनपर पार्टी विरोधी काम करने आरोप है. उन्हें भी जल्द ही जेडीयू से निष्कासित कर दिया जाएगा. पार्टी में रहते हुए जो साथी कार्य में निष्क्रिय पाए गए हैं या जिन्होंने पार्टी के विरोध में काम किया है, उन सभी लोगों को चिन्हित किया गया है. प्रदेश की टीम द्वारा जांच करवाई जा रही है. जिला प्रभारी सदस्य द्वारा भी जांच की गई है. गड़बड़ी पाए जाने पर पांच प्रखंडों में पार्टी की प्रखंड कमेटी को भंग कर दिया गया है.


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