पटना: बिहार विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान सोमवार को नीतीश कैबिनेट की मंत्रियों की काबिलियत पर सवाल उठाने के बाद नेता प्रतिपक्ष विवादों में घिर गए हैं. तेजस्वी यादव की ओर से सदन में ये कहना कि कैसे लोगों को मंत्री बना दिया है से नाराज सत्ताधारी दल के नेता उनपर लगातार निशाना साध रहे हैं. इसी क्रम में जेडीयू ने भी तेजस्वी पर निशाना साधा है.

जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता ने संजय सिंह ने कहा, " तेजस्वी, आपसे तो ज्यादा ही बिहार सरकार मंत्री काबिल और पढ़े लिखे हैं. जनता ने चुनकर उनको सदन में भेजा है. आपकी तरह वो अनुकंपा पर राजनीति नहीं कर रहे हैं और आपकी तरह कोई नौंवी फेल नहीं है. आपके पिता जी ने लाठी में तेल पिलाकर राजनीति करने का जो संदेश दिया उसने बिहार का बेड़ा गर्क किया. राजनीति का अपराधीकरण हुआ. आपकी भाषा बता रही है कि आपकी शिक्षा का स्तर क्या है."

उन्होंने तेजस्वी को उनका पद याद दिलाते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र में विरोधी दल के नेता पद की अपनी गरिमा होती है. लेकिन लगता है, बिना संघर्ष के यह पद मिलने से आप इसकी मर्यादा नहीं समझ पाए. इस पद की गरिमा का पता तब चलता, जब आप इसे संघर्ष करके पाते. वैसे भी लालू यादव के आवरण से जबतक आप मुक्त नहीं होंगे, तब तक आपको गलत और सही का फर्क पता नहीं चलेगा. राजनीति में किसी भी संसदीय पद की गरिमा क्या होती है, कभी लालू यादव जी से पूछियेगा. शायद वो आपको इस बार सही ज्ञान दे दें.

जेडीयू प्रवक्ता ने कहा , " तेजस्वी, आज कल आपकी बॉडी लैंग्वेज आपका साथ नहीं दे रही है. आप या तो डिरेल हो गए हैं या फिर आपका दिमाग डिरेल हो गया है. आप परेशान क्यों हैं? किस गम में हैं? तेजस्वी जी, आप क्या चाहते हैं? सत्ता पक्ष के नेताओं से अखाड़े में दंगल करना? अगर आपकी यही मंशा है, तो आपको राजनीति में नहीं आना चाहिए था. क्रिकेट की बजाय आपको कुश्ती में हाथ आजमाना चाहिए था. चूंकि, आपसे कोई भी मेहनतकस काम नहीं हो सकता है. लेकिन तेजस्वी, आगे का रास्ता आसान नहीं है."