Bihar Politics: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बयान के बाद बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को दिए महागठंधन में वापसी के ऑफर पर जेडीयू के कई नेताओं कड़ा रुख दिखाया है तो कुछ नेताओं से ग्रीन सिग्नल भी मिल रहा है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और एमएलसी गुलाम गौस ने गुरुवार (02 जनवरी) को कहा कि लालू और नीतीश के बीच छोटे-बड़े भाई का रिश्ता है जो दोनों निभा रहे हैं. दूसरी तरफ जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव राजनीतिक नेपथ्य में चले गए हैं. आरजेडी अंतर्विरोध का शिकार है. 


लालू यादव के ऑफर पर गुलाम गौस ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों एक ही परिवार से हैं. लालू और नीतीश पहले आंदोलन संघर्ष में साथ काम कर चुके हैं. अब आगे क्या परिस्थिति बनती है यह देखना है.  


'पारिवारिक कलह की शुरुआत हुई है'


वहीं लालू यादव के बयान पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि 2025 में लालू यादव की यह राजनीतिक दुर्दशा है कि पुत्र तेजस्वी यादव ने उनकी बातों को दरकिनार कर दिया है. क्या लालू यादव को पुत्र तेजस्वी यादव ने यह मान लिया है कि वे राजनीति रूप से बेहोश हैं? पहले पोस्टर से उनका नाम हटाया, बैनर से नाम हटाया अब उनकी बातों का ही महत्व नहीं है. नीरज कुमार ने कहा कि पोस्टर-बैनर से उनका नाम हटाया तो फिर लालू यादव का आरजेडी सुप्रीमो रहने का क्या औचित्य है? इसलिए पूरे तौर पर राष्ट्रीय जनता दल अंतरविरोध का शिकार है. लालू यादव राजनीतिक नेपथ्य में चले गए हैं पारिवारिक कलह की शुरुआत हुई है. 


नीरज कुमार ने आगे कहा, "नीतीश कुमार ग्लोबल थिंकर हैं, क्लाइमेट लीडर हैं तो ऐसा व्यक्तित्व ऐसे लोगों के साथ जिन्हें सत्ता से दो बार बाहर किया, वो दरखास्त लेकर बेचैन हैं. पिता (लालू) बेचैन है पुत्र (तेजस्वी) परेशान है, लेकिन ये तय है कि नीतीश कुमार एनडीए के नेता हैं. 2025 से 2030 फिर से नीतीश कुमार."


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