पटना: मौजूदा समय में जब एक तरह भाजपा शासित राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ कानून बन रहे हैं, बिहार में उसके सहयोगी दल जेडीयू ने रविवार को यह स्पष्ट कर दिया कि वो इस कानून के पक्ष में नहीं है. जेडीयू ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे कानून समाज में घृणा और विभाजन उत्पन्न करेंगे जो उसे मंजूर नहीं है.


बता दें कि जेडीयू नेता केसी त्यागी ने रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से कहा, ‘‘लव जिहाद के नाम पर समाज में नफरत और विभाजन का माहौल बनाया जा रहा है.’’


मालूम हो कि ‘‘लव जिहाद’’ शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी कार्यकर्ता मुस्लिमों द्वारा हिंदू लड़कियों को प्यार की आड़ में धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के कथित अभियान को संदर्भित करने के लिए करते हैं.


जेडीयू नेता ने कहा, ‘‘संविधान और सीआरपीसी के प्रावधान दो वयस्कों को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने की आजादी देते हैं, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र का हो.’’


उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने डॉ. राम मनोहर लोहिया के दिनों से ही वयस्कों के विवाह के अधिकार को बरकरार रखा है, चाहे वह किसी भी जाति और सम्प्रदाय में हो. लोहिया एक समाजवादी विचारक थे.


गौरतलब है कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल ने कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए शनिवार को एक विधेयक को मंजूरी दे दी. इस विधेयक में शादी और किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.


इसी तरह का एक अध्यादेश पिछले महीने उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है. हालांकि, इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई है.


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