लेटरल एंट्री पर JDU और चिराग पासवान की पार्टी ने साफ किया रुख, बयान से NDA में बढ़ी टेंशन!
Lateral Entry: चिराग पासवान ने कहा है कि कोई भी सरकारी पद के लिए अगर नियुक्ति निकलती है तो उसमें आरक्षण के प्रावधानों का ध्यान रखा जाना जरूरी है. उधर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी बड़ा बयान दिया है.
Reaction on Lateral Entry: केंद्र में रिक्त संयुक्त सचिव, निदेशक व उपसचिव के 45 पदों पर सीधी भर्ती (Lateral Entry) के मुद्दे पर एनडीए में दरार की स्थिति दिख रही है. अलग-अलग बयानों से पार्टी के नेता अपना रुख साफ कर रहे हैं. एक तरफ जहां कांग्रेस, आरजेडी समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है तो वहीं अब एनडीए में शामिल दल भी विरोध कर रहे हैं. जेडीयू और चिराग पासवान ने अपना रुख साफ किया है.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि आज की तारीख में सरकार का अंग होने के नाते मैं स्पष्ट कर दूं कि प्रधानमंत्री की सोच कतई आरक्षण विरोधी नहीं हो सकता है. कैबिनेट की मीटिंग में भी इस बात को कहा गया है कि आरक्षण को लेकर बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर ने जो प्रावधान बनाए हैं वो प्रावधान वैसे ही लागू रहेंगे. दूसरी बात ये कि सरकार की सोच आरक्षण के समर्थन में है. प्रधानमंत्री जी की सोच आरक्षण के समर्थन में है.
#WATCH | Patna: On UPSC lateral recruitment, Union Minister Chirag Paswan says, "...The first thing is that the government's thinking is completely in support of reservation. The Prime Minister's thinking is in support of reservation. My party and I do not agree with the way in… pic.twitter.com/GhaAZqTshu
— ANI (@ANI) August 20, 2024
लेटरल एंट्री पर क्या बोले चिराग पासवान?
लेटरल एंट्री पर चिराग पासवान ने कहा कि मैं और मेरी पार्टी कतई सहमत नहीं हैं. आज जिस तरीके से कुछ पदों की नियुक्ति के लिए डायरेक्ट बहाली हो रही है जिसमें आरक्षण का ध्यान नहीं रखा गया है, मैं और मेरी पार्टी इसके खिलाफ हैं. सरकार का अंग होने के नाते सरकार के उचित प्लेटफॉर्म पर इसको हम लोगों ने भी दर्ज कराया है. आने वाले दिनों में भी हम लोगों की तरफ से मजबूत आवाज उठाई जाएगी. कोई भी सरकारी पद के लिए अगर नियुक्ति निकलती है तो उसमें आरक्षण के प्रावधानों का ध्यान रखा जाना जरूरी है. सरकारी नौकरियों में जिस तरीके से चलता आ रहा है हर नियुक्ति में इसका ध्यान रखा जाए.
उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी की ओर से भी इस पर प्रतिक्रिया दी गई है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा, "वे लेटरल एंट्री के विज्ञापन का दुरुपयोग करेंगे, इससे राहुल गांधी पिछड़ों के चैंपियन बन जाएंगे." केसी त्यागी का मानना है कि सरकार ऐसे फैसलों के जरिए विपक्ष को मुद्दा दे रही है.
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