पटना: बिहार में लागू शराबबंदी कानून में आने वाले दिनों में बदलाव होने तय है. इस बाबत तैयारी भी की जा रही है. इस खबर के सामने आने के बाद से बिहार का सियासी पारा चढ़ना शुरू हो गया है. एक ओर जहां विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वहीं, सीएम नीतीश कुमार की पार्टी के नेता फिलहाल इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे है. कानून में संशोधन के संबंध में मंगलवार को जब एबीपी ने जेडीयू नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार से बात की तो उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं कहा.


शराबबंदी कानून को सर्वदलीय सहमति


पूर्व मंत्री ने कहा, " बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. उसके सक्षम प्रावधान है. वर्तमान समय में यह प्रावधान यहां पर लागू है. इस संबंध में कोई ताजा जानकारी नहीं है. अगर कानून में कोई परिवर्तन या संशोधन की बात है, तो मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है. पहली बात ये कि शराबबंदी कानून सर्वदलीय सहमति से लागू है और सर्वदलीय संकल्प है. वहीं, इसे सर्वदलीय समर्थन भी प्राप्त है. कानून के सकारात्मक नतीजे भी सरकार को मिले हैं.


सभी जगह होती हैं घटनाएं


उन्होंने अन्य राज्यों का जिक्र करते हुए कहा, " ऐसा कौन सा राज्य है, जहां पर जहरीली शराब से मौत की सूचना नहीं प्राप्त हुई है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि वर्धा में भी ऐसी सूचना मिलती है. लेकिन प्रशासन का दायित्व होता है कि कानून के तहत कार्रवाई करे. वही कार्रवाई दूसरे राज्यों में भी हुई है, जहां शराबबंदी कानून नहीं लागू है. वहां भी ऐसी घटनाएं होती हैं. सरकार अपने दायित्व का पालन करती है. ऐसे में मूल विषय है, शराबबंदी को लागू करना है.


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प्रधानमंत्री ने की थी सराहना


उन्होंने कहा, " 5 जनवरी, 2017 को जब महागठबंधन की सरकार थी और 350वां प्रकाश उत्सव था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार ने यह बेहतर फैसला लिया है. सभी संगठनों को इसका सहयोग करना चाहिए. उस समय समीक्षा का तो कोई निर्देश नहीं दिया था. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने विपक्ष में रहते हुए भी उस समय इस बाबत बनाए गए ह्यूमन चेन में हिस्सा लिया था. 


वहीं, मांझी और बीजेपी के नेताओं द्वारा लगातार कानून पर सवाल उठाए जाने के संबंध में कहा कि उन्होंने विधानमंडल में कानून का समर्थन किया था. अब वे सवाल उठा रहे हैं तो वो ही जानें. हम तो कहेंगे कि शराबबंदी में अगर कोई मीन और मेख निकालते हैं और आलोचना करते हैं, तो वे सीधे बात करें. पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर अपने नजरिये को पेश करना चाहिए. मार्च में सत्र आ रहा है, उसमें प्रस्ताव रखें.


बिहार में सत्ता पलट संभव नहीं 


बिहार में सत्ता पलट के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है. लालू यादव (Lalu Yadav) 24 नवंबर, 2005 से लगातार दंडवत कर रहे हैं. जब वो सफल नहीं हो पाए तो उनके पुत्र तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के सफल होने की कोई बात ही नहीं है. कानून के उल्लंघन के संबंध में उन्होंने कहा कि ये कोई दावा नहीं कर सकता कि अगर कानून है तो अपराध नहीं होगा. कुछ लोग तो गड़बड़ करेंगे ही. ऐसे में उन पर कार्रवाई हो इस बाबत मुकम्मल व्यवस्था है. 


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