BJP के गेट पर दरख्वास्त लेकर खड़े हैं क्या मुख्यमंत्री नीतीश? ललन सिंह तिलमिलाए, जानें किस पर साधा निशाना
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में इन दिनों आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्टियों की ओर से लोकसभा चुनाव को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है.
पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने शनिवार को हुए पूर्णिया रैली में हुंकार भरी और बीजेपी का सफाया करने की भी बात कही. उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बिहार सरकार को आड़े हाथों लिया था. रविवार को फिर ललन सिंह शाह के एक बयान पर तिलमिला उठे. उन्होंने अमित शाह पर रविवार को जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि वो बिहार आते हैं तो जनता के हित में काम करने की बात कहनी चाहिए. यहां तो नीतीश जी के लिए दरवाजा बंद करने की बात कर रहे हैं. कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी के कार्यालय के गेट पर दरख्वास्त लेकर खड़े हैं क्या? साल 2017 में भी वो ऐसे ही नहीं चले गए थे. प्रधानमंत्री ने खुद उनको बुलाकर कन्वेंस किया था कि मेरे साथ आइए. नीतीश कुमार का एक ही लक्ष्य है कि 2024 में बीजेपी मुक्त देश बनाना है.
‘बीजेपी के दरवाजे पर दरख्वास्त लेकर नहीं खड़े मुख्यमंत्री’
शनिवार को बिहार दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी में नीतीश कुमार के लिए अब कोई जगह नहीं है. उनके लिए बीजेपी का दरवाजा बंद हो गया है. उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद लालू प्रसाद यादव भी इन्हें हटाएंगे, तब उन्हें पता चलेगा कि धोखा क्या चीज होती है. इसके पलटवार में ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी के दरवाजे पर दरख्वास्त लेकर नहीं खड़े हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आते हैं और दो योजनाओं पर भाषण देकर चले जाते हैं. इस पर कोई काम नहीं होता है.
'देश में 81 हजार करोड़ के हुए फ्रॉड का करें जांच'
ललन सिंह ने कहा कि नौ सालों में दो ही योजना की चर्चा अमित शाह और प्रधानमंत्री सभी भाषण में करते हैं. एक उज्ज्वला योजना और दूसरा आयुष्मान भारत का योजना. उज्जवला योजना का सर्वे तो कराइए तब पता चल जाएगा कि कितने घरों में योजना दिया गया और सिलेंडर चूल्हा जल रहा है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत की चर्चा करते हैं, लेकिन कितने लोगों को आयुष्मान भारत का लाभ मिल रहा है, इसका डाटा दीजिए. साल 2015 में नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना की शुरुआत की, वह काम पूरा हो चुका है. ललन सिंह ने कहा कि देश में 81 हजार करोड़ों रुपए का फ्राउंड हुआ. केंद्र सरकार को उसकी जांच करनी चाहिए.
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