पटना: जदयू ने बुधवार को अपना बहुआयामी और व्यापक डिजिटल प्लेटफॉर्म जेडीयू लाइव डॉट कॉम को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया. इस संबंध में जब पार्टी नेता और बिहार सरकार के मंत्री संजय झा, जिनकी देख रेख में इस ऐप को तैयार किया गया है से बातचीत की गई तो उन्होंने ऐप से जुड़े कई बात साझा किए. उन्होंने बताया, "जो डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में किया, उसे अब नीतीश बिहार में करने वाले हैं."


आत्मनिर्भर भारत के नारे को किया सच


बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जेडीयू ने अपना ऐप बनाया है. जेडीयू लाइव नाम के इस ऐप के जरिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ एक लाख से लेकर दस लाख लोगों से सीधे जुड़ सकेंगे. इस संबंध में मंत्री संजय झा ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहा कि लॉकडाउन में आईआईटी के छात्रों ने इसे बनाया है. पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर नारे को सच साबित कर देश का पहला एप्प तैयार किया गया है.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुराने वीडियो


संजय झा ने कहा कि फेसबुक के गलत इस्तेमाल करने वालों से बचने की भी तरकीब है. जेडीयू ने एक अपना डिजिटल टीवी भी बनाया है, जिसका नाम ब्रांड बिहार टीवी है. इस टीवी पर बिहार की पॉजिटिव स्टोरी होंगी. साथ ही नीतीश कुमार का पुरानी यात्रा और भाषण के वीडियो भी होंगे.


कोरोना काल में बदल गया पूरा दृश्य


संजय झा ने कहा कि बिहार में अभी तक खासकर नीतीश कुमार की जो पॉलिटिक्स रही कभी सोशल मीडिया बेस नहीं रही है, ये लोग पब्लिक फील्ड में जाकर प्रचार करने वाले लोग थे और उसी से अपने पॉलिटिक्स को कनेक्ट करते थे. लेकिन इस कोरोना काल में पूरा दृश्य बदल गया और पहला चुनाव बिहार में ही होना है, तो निश्चित रूप से ये एक माध्यम हो गया है और पहले भी मुख्यमंत्री कम्युनिकेट किए हैं अलग-अलग प्लेटफार्म पर और आज ही हम अपना डेडिकेटेड जदयू लाइव लांच कर रहे हैं. फेसबुक पर कभी-कभी झूठे प्रचार भी होते हैं और लोग ट्रस्ट करने लगते हैं. तो अपना डिजिटल प्लेटफार्म होने का लाभ होगा कि हम अपनी बात अपने लोगों के बीच रख सकते हैं.


गांव-गांव तक है सोशल मीडिया का प्रभाव


उन्होंने बताया कि अन्ना हजारे मूवमेंट में सोशल मीडिया मैसेजिंग के माध्यम से लोगों को बुलाया जाता था, तो शुरुआत वहां से हुई, फिर 2014 में लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का यूज हुआ और इस घटना के बाद मैं परिस्थिति जो देख रहा हूं और जो पहुंच है, गांव-गांव तक निश्चित ही सोशल मीडिया का प्रभाव है और बिहार अपना एक टेस्ट केस होने वाला है कि एक बड़ा बेस चुनाव दिखाई पड़ रहा है.


लोग भी अपनी वीडियो कर सकते हैं शेयर


इसका लाभ ये है कि पहले हम जूम और गूगल जैसे प्लेटफार्म को हायर करते थे पर ये हमारा अपना डेडिकेटेड प्लेटफार्म होगा और इस प्लेटफार्म पर हम दस लाख लोगों से जुड़ सकते हैं. अभी इसकी क्षमता एक लाख ही है और इसमें टू वे कम्युनिकेशन कुछ लोगों से कर सकते हैं. इसमें पार्टी की जो भी एक्टिविज हैं, वीडियो है या मुख्यमंत्री का यात्रा है ये सारा कुछ एक ब्रांड बिहार टीवी पर अपलोड सकते हैं. लोग भी अपनी बात या वीडियो शेयर कर सकते हैं. ये अपने आप मे एक कंप्लीट प्लेटफार्म है. आप कह सकते हैं कि हम अपना एक चैनल ही खोल रहे हैं.


क्या जेडीयू लाइव ऐप की खासियत


यह भारत में ओपन वर्चुअल / डिजिटल रैली के लिए पहला डेडिकेटेड प्लेटफ़ॉर्म है जिसे 10 लाख से अधिक प्रतिभागियों को आसानी से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इससे पहले, डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने राष्ट्रपति चुनाव में इस प्रकार की प्रणाली का उपयोग किया है. यह एक क्लोज वर्चुअल रैली है, जहां लोग पिन कोड (जैसे 1001) दर्ज करने के बाद ही भाग ले सकते हैं, किसी भी संरक्षित लेनदेन के समान. इस उद्देश्य यह है कि एक समय पर चयनित प्रतिभागियों के साथ ही रैली किया जा सके.


जूम की तरह होगा टू-वे कम्युनिकेशन


यह ज़ूम के समान दो-तरफ़ा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की कांसेप्ट पर डिज़ाइन किया गया है. यह 500 प्रतिभागियों तक जोड़ सकता है हालांकि, प्रतिभागियों की संख्या स्केलेबल है और इसे बढ़ाया जा सकता है.


क्या है ब्रांड बिहार टीवी


ब्रांड बिहार टीवी एक सकारात्मक समाचार बैंक है, जो एक बिहार या बिहार से संबंधित सभी सकारात्मक समाचारों का इकलौता सोर्स है. ब्रांड बिहार टीवी पर समाचार आइटम / कहानियों / वीडियो आदि को वीडियो के रूप में कई सोर्स से प्राप्त किया जा सकता है. साथ ही यह पार्टी कार्यकर्ता या किसी भी आम लोगों (जो विकास-इन-बिहारी के बारे में गर्व की भावना रखते हैं) को सक्षम करने के लिए है ताकि वो राज्य के सबसे बड़े प्लेटफ़ॉर्म पर अपना वीडियो बना और शेयर कर सकें. ब्रांड बिहार टीवी पर पोस्ट करने के लिए अप्रूवल के लिए कोई भी अपने वीडियो / फ़ीड को साझा कर सकता है. यह मीडिया को सकारात्मक समाचार का एक सोर्स भी प्रदान करेगा.


मैसेंजर हमें मूल रूप से लाखों लोगों को मैसेज भेजने में सक्षम करेगा. यह किसी भी टारगेट ऑडिएंस को मेसेज भेजने में सक्षम होगा. मैसेज को संपर्क नंबरों के अलग / फ़िल्टर किए गए सेटअप में भेजा जा सकता है, यानी अगर व्यवस्थापक केवल जिला अध्यक्ष को, प्रखंड अध्यक्ष को आदि को मैसेज भेजना चाहता है, तो वह उन्हें अलग समूह में भेज सकता है.