JDU नेता केसी त्यागी ने चिराग से कहा- आप बीजेपी को दें दोष, जानें- क्या है वजह ?
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि एलजेपी ने जेडीयू और बीजेपी के अधिकारिक उम्मीदवारों के विरुद्ध चुनाव में उम्मीदवार खड़े किए और प्रत्यक्ष रूप से मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की मदद की.
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पटना: बिहार में चुनाव को सम्पन्न हुए दो महीने से अधिक समय बीत चुका है. लेकिन एलजेपी और जेडीयू के बीच की तल्खी अब भी कम होने का नाम नहीं ले रही. बीते दिनों एलजेपी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष राजू तिवारी ने जेडीयू नेता केसी त्यागी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने सीएम नीतीश पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. आज केसी त्यागी ने एलजेपी नेता के उस पत्र पर पलटवार किया है और एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान को बीजेपी पर दोषारोपण करने की नसीहत दी है.
जेडीयू और एलजेपी के सिद्धांत रहे हैं एक
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने शनिवार को पत्र लिखकर चिराग को कहा कि आपके पार्टी द्वारा जो मुझे पत्र लिखा गया था, वह वास्तविकता से दूर और आमक है. जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के सिद्धांत और कार्यक्रम एक से रहे हैं. रामविलास जी के साथ हमने काम किया है. आज भी हमें उनकी अकाल मृत्यु पर अफसोस है. ऐसे साथी के निरादर करने का सवाल ही पैदा नहीं होता. इसलिए वैचारिक मतभेद के बजाय कार्य पद्धति भिन्न कही जाए तो बेहतर है.
उन्होंने कहा कि कई बार जेडीयू और एलजेपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा है. पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों ने एनडीए के घटक दल के रूप में साथ चुनाव लड़ा और यह सही है कि एलजेपी पहले से ही बीजेपी के साथ गठबंधन में थी और सीटों के बंटवारे को लेकर 2015 और 2019 लोकसभा में तालमेल किया था. लेकिन एलजेपी 40 सीट लड़कर मात्र 2 सीटें ही प्राप्त कर सकी थी.
चिराग बीजेपी को दें ये दोष
केसी त्यागी ने कहा कि 2019 के चुनाव को लेकर कभी भी एलजेपी ने जेडीयू की भूमिका को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की. नीतीश कुमार ने एलजेपी के सभी उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार किया. 2020 के विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर जेडीयू और एलजेपी में कोई चर्चा नहीं हुई. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने स्वीकार किया है कि एलजेपी अधिक सीटों की डिमांड कर रही थी, लिहाजा समझौता नहीं हो सका. ऐसे में बेहतर होता कि चिराग यह दोष बीजेपी को देते.
पिता की बातों को याद रखें तेजस्वी
उन्होंने कहा कि एलजेपी ने जेडीयू और बीजेपी के अधिकारिक उम्मीदवारों के विरुद्ध चुनाव में उम्मीदवार खड़े किए और प्रत्यक्ष रूप से मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की मदद की. चिराग ने कई अवसरों पर चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री को भष्टाचार में जेल भेजने जैसे बयान दिए, जो निंदनीय थे. एनडीए के खराब प्रदर्शन पर मंथन बताता है कि चिराग के नकारात्मक रूप से आरजेडी को मदद मिली और हमारे कई उम्मीदवारों को पराजय.
अंत में उन्होंने चिराग को नसीहत दी कि आशा है आप रामविलास जी का यह पाठ सदैव याद रखेंगे कि अलग रास्ते होते हुए भी रिश्ते की निरंतरता बनी रहे.
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