पटना: राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने सरकारी स्कूल में छुट्टियों की कटौती को लेकर राज्य सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया और जाति आधारित गणना (Caste Based Census) पर केंद्र सरकार के पक्ष में बयान दिया तो इस पर जेडीयू ने सुशील मोदी पर तंज कसा. कहा कि वे तो डरे हुए हैं, अगर हमारे साथ आना चाहेंगे तो हम विचार करेंगे. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने शर्त रखा कि सुशील कुमार मोदी निरपेक्षता की बात करेंगे तो उनके लिए दरवाजा खुला है.


सुशील मोदी को लेकर ललन सिंह ने दिया बयान


ललन सिंह ने सुशील मोदी की तारीफ की. उन्होंने कहा कि वह हमारे नेता नीतीश कुमार के बहुत घनिष्ठ मित्र हैं. कई बार हमारे नेता की तारीफ कर चुके हैं. उन्होंने पहले भी बयान दिया था कि नीतीश कुमार पीएम मैटेरियल हैं. सुशील मोदी ने यह भी बयान दिया था कि बिहार में एक मोदी है तो दूसरे मोदी की क्या जरूरत है. यह सब बात वह बोल चुके हैं इसलिए उनको खतरा महसूस होता है. हम लोग की शुभकामना है कि इन सब के बावजूद उन्हें कुछ मिल जाए. बीजेपी में सुशील मोदी ही एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें दो-चार पर प्रतिशत ज्ञान है. 


'हम लोग अपनी पार्टी में लाने का विचार करेंगे'


ललन सिंह ने कहा कि सुशील मोदी आज कल तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. धार्मिक उन्माद की बात करते हैं अगर उनको धार्मिक उन्माद से मोह भंग हो जाए और धर्मनिरपेक्षता की राह पर चलने की बात अगर वो करते हैं तो हम लोग अपनी पार्टी में लाने का विचार करेंगे. दरअसल, सुशील मोदी ने शिक्षकों की छुट्टी में कटौती पर बयान दिया था कि बिहार सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. इस पर ललन सिंह ने कहा कि हम तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करते हैं. हम लोग सभी धर्म का सम्मान करते हैं और संविधान भी यही कहता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी गरीब विरोधी पार्टी है. आरक्षण विरोधी पार्टी है और पूंजीपति पोषक पार्टी है.


केंद्र पर ललन सिंह का हमला


ललन सिंह ने कहा कि सुशील मोदी जातीय गणना पर अपनी पीठ खुद थपथपा रहे थे और कह रहे थे कि अब तो क्लियर हो गया कि हम जातीय गणना के पक्ष में हैं. मेरा कहना है कि कैसे वो जातीय गणना के पक्षधर है? केंद्र सरकार दिन में कुछ हलफनामा देती है और शाम में दूसरा हलफनामा देती है और उस हलफनामा में भी लिखा हुआ है जनगणना करने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है. उन्होंने कहा कि हमें हंसी आती है कि सुशील मोदी को या केंद्र सरकार को जब यह पता नहीं है कि जनगणना, जातीय गणना और सर्वे में क्या अंतर है फिर इसका जवाब क्या दिया जाए.


ये भी पढ़ें: Prashant Kishor: 'नीतीश कुमार आज अपने इर्द गिर्द सब...', CM के सलाहकारों पर प्रशांत किशोर कह गए बहुत कुछ