पटना: बिहार में जातीय गणना (Bihar Caste Census Report) सर्वे की रिपोर्ट को लेकर जमकर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. इस पर जेडीयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने मंगलवार को कहा कि पिछड़े जातियों की संख्या सबसे अधिक है. सरकार पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए पहले से कई योजनाएं चल रही हैं और आगे भी उनके अधिकारों और उत्थान के लिए लगातार योजनाएं चलती रहेगी. बिहार सरकार की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. केंद्र सरकार और बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी थी इसे रोकने के लिए, लेकिन महागठबंधन की सरकार ने इस सर्वे को पूरा किया और रिपोर्ट भी सार्वजानिक किया.


जातीय गणना देश की मांग है- ललन सिंह


ललन सिंह ने कहा कि सुशील मोदी छपास रोग से ग्रसित हैं, वो अब बोल रहे हैं कि हम लोगों की पहल से ये गणना पूरी हुई. मुख्यमंत्री और कई नेता गणना करवाने के लिए प्रधानमंत्री गृहमंत्री से मिले थे, लेकिन ये बीजेपी वालों ने इसे स्वीकार नहीं किया. इसके बाद बिहार सरकार ने जातीय गणना करवाई. जातीय गणना देश की मांग है. सभी राज्यों में ये गणना करानी चाहिए. वहीं, उन्होंने महिला आरक्षण बिल को ढोंग बताया और कहा कि जब सरकार को महिला आरक्षण 10 साल के बाद लागू करना था तो फिर पार्लियामेंट में इवेंट मैनेज करने की क्या जरूरत थी? ललन सिंह ने प्रधानमंत्री को इवेंट मैनेजर बताया.


'बिल्ली के भागे शिकहर नहीं टूटता है'


कई पत्रकारो पर रेड की खबर पर जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया के जो हेड हैं वो लोग गृहमंत्री के ग्रीप में हैं, जो मीडिया बीजेपी की आलोचना करेगा, उनके यहां पर एजेंसी का छापा मरवाया जाता है. पार्टी की टूट पर सुशील कुमार मोदी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 'बिल्ली के भागे शिकहर नहीं टूटता है' सुशील कुमार मोदी अपना पीठ थपथपाएं और इंतजार करें कि केंद्र सरकार उन्हें इसका इनाम कब देती है.


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