Bihar Politics: इस्तीफे की मांग पर ललन सिंह ने सुशील मोदी को दिया जवाब, कहा- 'वो किनकी कृपा से चुनाव जीते थे वह हम...'
Parliament Building Inauguration: नए संसद भवन के मुद्दे पर बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने ललन सिंह पर हमला बोला था. वहीं, इस पर ललन सिंह ने शनिवार को पलटवार किया है.
पटना: बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) के दिए गए बयान पर जेडीयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने शनिवार को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी हमको संसद में चुनकर भेजे हैं क्या? उन्होंने कहा कि सुशील मोदी राज्यसभा के सदस्य हैं. एक बार चुनाव जीते थे वो किनकी-किनकी कृपा से चुनाव जीते थे वह हम जानते हैं. इसलिए सुशील मोदी हम से इस्तीफा मांग कर अपना 2024 को सुरक्षित करना चाह रहे हैं. हम तो प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) से आग्रह करेंगे कि सुशील मोदी बहुत आक्रामक ढंग से आपके पक्ष की बात को रख रहे हैं, इसलिए 2024 में उनको रिन्यूएबल कर दीजिए. सुशील मोदी अपने भविष्य के बारे में सोचें हमारी चिंता छोड़ दें.
सुशील मोदी जैसे लोगों का हम परवाह नहीं करते हैं- ललन सिंह
ललन सिंह ने कहा कि हम मुंगेर की जनता के बल पर चुनाव जीत कर आए हैं और मुंगेर लोकसभा की जनता का जब तक हम पर आशीर्वाद रहेगा तब तक सुशील मोदी जैसे लोगों का हम परवाह नहीं करते हैं. उन्होंने कहा एक बात है कि अगर इस्तीफा देना है तो देश के प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. इस देश के प्रधानमंत्री को इस देश के दलित समाज के लोग, इस देश के आदिवासी समाज के लोग और इस देश के महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए., जब संसद भवन का शिलान्यास हो रहा था तो दलित समाज से आने वाले राष्ट्रपति से शिलान्यास न करवा के खुद शिलान्यास कर दिए थे.
'हमारे मुख्यमंत्री दलित और आदिवासी समाज का सम्मान करते हैं'
आगे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब दलित समाज की महिला को पीएम ने राष्ट्रपति बनाया था तो अपनी पीठ खूब थपथपाई थी. देश और दुनिया में प्रचार कर रहे थे कि हमने बड़ा क्रांतिकारी काम किया है, लेकिन अब उद्घाटन करने के लिए उनका अधिकार है. उद्घाटन करने खुद चले आएं. उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री दलित और आदिवासी समाज के लोगों का सम्मान करते हैं. जब हम लोग महागठबंधन में थे उस वक्त भी एनडीए की ओर से दलित समाज से आने वाले राष्ट्रपति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया गया था, उस वक्त नीतीश कुमार समर्थन किए थे. इन लोगों में यह साहस है क्या?