पटना: जाति आधारित गणना (Caste Census) पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के आदेश के बाद बिहार में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इसको लेकर जेडीयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने शुक्रवार को बीजेपी पर हमला बोलते हुए सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि बिहार में होने वाली जातीय गणना से गाजियाबाद के लोग कैसे प्रभावित हैं? न्यायालय में गाजियाबाद का आदमी मुकदमा दायर कर रहा है. पर्दे के पीछे से खेल हो रहा है और हम सबको मालूम है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) बिहार में जातीय गणना नहीं हो, इसको लेकर पहले से पर्दे के पीछे से प्रयासरत रही है और आगे भी प्रयासरत रहेगी, लेकिन उनको कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.


जातीय गणना एक आवश्यकता है- ललन सिंह


ललन सिंह ने कहा कि जातीय गणना एक आवश्यकता है, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय गणना कराने का निर्णय सभी राजनीतिक पार्टियों की सहमति से लिया था, लेकिन कुछ लोग पर्दे के पीछे से इसका विरोध करवा रहे हैं और कोर्ट में मुकदमा करवा रहे हैं. उस पर कोर्ट का जो फैसला आया है उसके आधार पर कानूनी राय ली जाएगी. जो भी उचित कदम होगा राज्य सरकार आवश्य उठाएगी. 


'जनगणना और गणना में अंतर होता है'


आगे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि एक बात और है कि पुराने इतिहास में जाए तो जब मंडल कमीशन बिहार में लागू  हुआ था तो सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, उसमें सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने यह विश्लेषण किया था और निर्देश दिया था कि धर्म के आधार पर, जाति के आधार पर गणना करवाएं. यह सुप्रीम कोर्ट ने ही आदेश दिया था और हम लोग जातियां गणना करवा रहे हैं, जनगणना नहीं करवा रहे हैं. जनगणना और गणना में अंतर होता 


हाई कोर्ट ने लगाई रोक


बता दें कि जातीय जनगणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर गुरुवार (4 मई) को पटना हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि तीन दिन में सुनवाई कर पटना हाई कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश दे. पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी. तब तक कोई डाटा सामने नहीं आएगा.


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