DMK Leader On Lord Ram: डीएमके नेता और सरकार के मंत्री एसएस शिव शंकर के भगवान राम को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मचा हुआ है. वहीं, इस टिप्पणी पर जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रविवार को कहा कि आस्था महत्वपूर्ण होता है किसी ने ना भगवान को देखा है ना अल्लाह को देखा है. हिंदुस्तान में हर 15 किलोमीटर पर लोगों का भेष-भूषा और भाषा बदल जाती है. धर्म पर सवाल करने से बेहतर होगा जनता के लिए काम कीजिए. 


आगे उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत का अंग तमिलनाडु है किसी के आस्था पर चोट करने से बेहतर है आप विकास के मुद्दों पर काम कीजिए. जो चोल वंश के मानने वाले लोग हैं उनके लिए काम कीजिए. ताकि उनके जीवन की दशा बदले.


जेडीयू ने दी प्रतिक्रिया 


नीरज कुमार ने कहा कि एसएस शिव शंकर मंत्री परिषद के सदस्य हैं और इन्होंने संविधान के संरक्षण और सुरक्षा की शपथ ली है. इतिहास में अगर जाना है तो डॉ. रामशरण के प्राचीन भारत का इतिहास पढ़ लीजिए. इंग्लिश में भी है. पढ़ने के बाद शायद आपका ज्ञान चक्षु खुल जाए. एसएस शिव शंकर जी चोल वंश का दावा कर रहे हैं वह उनका दावा हो सकता है, लेकिन इसी देश में वाल्मीकि ने रामायण लिखा. राम शबरी को मानते हैं. इस तथ्य के आधार सब के अलग-अलग मान्यताएं हैं.


'भगवान पर सवाल उठाए यह ठीक नहीं'


आगे जेडीयू नेता ने कहा कि देश के संविधान की बुनियादी प्रस्तावना है उसमें हर धर्म के लोगों की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार है. कोई व्यक्ति राज्य में संवैधानिक पद पर बैठकर भगवान पर सवाल उठाए यह ठीक नहीं है. दक्षिण भारत में रावण की भी पूजा होती है और देश में तो कण-कण में राम माने जाते हैं. बता दें कि तमिलनाडु के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि भगवान राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है. 


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