Liquor Ban In Bihar: शराबबंदी वाले बिहार में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हुई है. विपक्ष इसे लेकर लगातार सवाल उठा रहा है. वहीं अब जेडीयू ने इस पर बड़ा खुलासा किया है. जेडीयू के प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने (26 अक्टूबर) को एबीपी से खास बातचीच में कई खुलासे किए है. जेडीयू के मुताबिक राबड़ी देवी के शासन काल मे 34% लोग शराब पीते थे, जबकि नीतीश कुमार के शासन काल 2006 में 28 फीसदी ही लोग शराब पीते थे. शराब पीने वालो की संख्या घटी है, जबकि शराब दुकान की संख्या 3000 हजार से बढ़कर 6000 हो गई थी.


क्या कहता है एनसीआरबी का आंकड़ा?


एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार जरहरीली शराब से मौत के मामले में राबड़ी देवी जब सीएम थी, तब शराब से मरने वालों की रैंकिंग में बिहार का 6वां स्थान था. 2022 में बिहार की रैंकिंग 13 वीं हो गई. नीरज कुमार ने बताया कि राबड़ी देवी के शासन काल में 456 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी.  शराबबंदी से पहले नीतीश कुमार के शासन में 367 लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई. शराबबंदी के बाद जहरीली शराब से 157 लोगों की मौत हुई. यानी मौत के आंकड़ों में कमी आई है. 


'शराब कम्पनियां आरजेडी को पैसे क्यों दें रहीं थीं'


मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने अपने बयान में एक बार फिर कहा कि आरजेडी पर शराब बनाने वाली कम्पनियों से चंदा लिए जाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि आरजेडी ने 46 करोड़ 64 लाख रुपया चंदा लिया है. लोकसभा चुनाव के पूर्व पैसे लिए गए. उन्होंने सवाल किया है कि बिहार में शराबबंदी है तो शराब कम्पनियां आरजेडी को पैसे क्यों दें रहीं थी. तेजस्वी बताए क्या डील हुई थी? जेडीयू ने इससे पहले कई बार तेजस्वी यादव और आरजेडी पर शराब माफिया से साठगांठ के आरोप लगाए हैं. 


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