तेजस्वी यादव के लाइव पर JDU का तंज- जनता भूल न जाए इसलिए चेहरा दिखाने आते हैं नेता प्रतिपक्ष
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार ने फेसबुक लाइव के माध्यम से कहा कि क्या नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को इतनी भी समझ नहीं है कि सरकार खुद की संपत्ति का टेकओवर क्यों और कैसे करेगी. इन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम पढ़ना चाहिए था.
पटना: कोरोना काल में बिहार से दूर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इनदिनों दिल्ली में पिता लालू यादव की सेवा कर रहे हैं. हालांकि, क्षेत्र की हर गतिविधि पर उनकी नजर है और समय-समय पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से वे सरकार पर निशाना साधते रहते हैं. बीते कुछ दिनों से वो फेसबुक लाइव आकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सूबे की बदहाल स्वास्थय व्यावस्था को लेकर सवाल कर रहे हैं.
चेहरा दिखाने के लिए आते हैं लाइव
हालांकि, अब तेजस्वी यादव के फेसबुक लाइव पर सियासत शुरू हो गई है. सत्ता पक्ष के नेता उनपर निशाना साध रहे हैं. गुरुवार के जेडीयू नेता और प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, " कहीं बिहार के लोग तेजस्वी का चेहरा भुला ना जाए इसलिए समय समय पर लाइव आते रहते है. चलिए ये भी अच्छा है."
कही बिहार के लोग तेजस्वी का चेहरा भुला ना जाए इसलिए समय समय पर लाइव आते रहते है।
— Nikhil Mandal (@nikhilmandalJDU) May 20, 2021
चलिए ये भी अच्छा है।
नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव को बताया नासमझ
इधर, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार ने फेसबुक लाइव के माध्यम से कहा कि क्या नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को इतनी भी समझ नहीं है कि सरकार खुद की संपत्ति का टेकओवर क्यों और कैसे करेगी. इन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम पढ़ना चाहिए था, जिसके धारा 65 और 66 में साफ निर्देश है कि सरकार को किसी भी व्यक्ति या संस्था की निजी परिसंपत्ति आपदा की स्थिति में अधिग्रहण करने की शक्ति निहित है और उसके एवज में संपत्ति के मूल्य का किराया अधिग्रहित संपत्ति की तिथि तक देने का प्रावधान है.
काम नहीं करने देने के लगाया था आरोप
मालूम हो कि गुरुवार को तेजस्वी यादव फेसबुक लाइव आए. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार ना खुद काम कर रही और ना दूसरों को करने दे रही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा था, " सड़क से संसद तक आंदोलन करने पर वेंटिलेटर आए, लेकिन उन्हें चलाने वाला कोई नहीं है. स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों की राज्य में भारी कमी है. 15 साल में सरकार ने कुछ नहीं किया है. अब बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं. ना काम करते हैं, ना करने देते हैं. सत्ता पक्ष के नेता मुझे काम करने बोलते हैं? जब मैं करता हूं तो उसे नौटंकी करार देते हैं."
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