Bihar Politics: विधानसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरा. उन्होंने इसको लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. इस पर जेडीयू ने प्रतिक्रिया दी है. जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने पर्यटन, स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा क्षेत्र तक काफी विकास किया है. जहां तक तेजस्वी यादव की आरक्षण पर टिप्पणी का सवाल है, नीतीश कुमार को किसी सलाह की जरूरत नहीं है.
जेडीयू ने आरक्षण के मुद्दे पर खुलकर रखी अपनी राय
राजीव रंजन ने कहा कि बिहार में आरक्षण के दायरे को बढ़ाने का फैसला कैबिनेट ने किया. निर्णय को पटना उच्च न्यायालय के एक फैसले ने निरस्त कर दिया. अभी हम लोग इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हुए हैं और हमें फैसले की प्रतीक्षा है. जहां तक तेजस्वी यादव का सवाल है एक बार जरूर कहना चाहूंगा कि सलाह देने के बजाय उन्हें आत्म मंथन करना चाहिए कि बिहार की जनता उनको बार-बार क्यों नकार रही है. चार विधानसभा क्षेत्र में जो ताजा जनादेश मिला है. इसमे पूरी उनकी पार्टी और उनके गठबंधन का सुपड़ा साफ हुआ है.
तेजस्वी यादव की क्या है मांग?
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को बिहार की नीतीश कुमार सरकार से वंचित जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ‘85 प्रतिशत’ आरक्षण देने के लिए नया विधेयक लाने का आग्रह किया. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने इस मामले पर अध्ययन के लिए एक समिति गठित करने की मांग की, जिसके आधार पर अनुसूचित जाति (एससी, अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईबीसी) के लिए उच्च कोटा वाला एक नया विधेयक लाया जाए.
आरजेडी नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया कि उसे पटना उच्च न्यायालय के वंचित जातियों के लिए बढ़ाए गए कोटे को रद्द करने के आदेश का विरोध करने वाले 'पक्षों में से एक' बनाया जाए.
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