पटना: किसान आंदोलन पर जेडीयू (JDU) के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद (Rajeev Ranjan Prasad) ने रविवार को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) के लिए आत्ममंथन का समय है कि कैसे पीएम नरेंद्र मोदी से निपटना है. कांग्रेस अपने शासनकाल में किसानों की समस्या का हल क्यों नहीं किया? 2024 का मुकाबला एकतरफा है कांग्रेस और आप अब 2029 की तैयारी में है. वहीं, आगे संदेशखाली की घटना पर उन्होंने कहा कि इससे मानवता शर्मसार हुई है. बंगाल में आधी आबादी की मुश्किल ज्यादा हो गई है.
एमएसपी को लेकर किसान कर रहे हैं आंदोलन
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर कानून बनाने और कर्ज माफी सहित अपनी कई मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दवाब बनाने के लिए दिल्ली चलो मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. गौरतलब है कि एफसीआई देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्न की खरीद, रणनीतिक खाद्यान्न भंडार का रखरखाव, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को वितरण व बाजार में खाद्यान्न की कीमतों का स्थिरीकरण शामिल है.
ये है संदेशखाली घटना
वहीं, पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले का संदेशखाली गांव पिछले एक महीने से राजनीतिक हंगामे का केंद्र बना हुआ है. बता दें कि यह इलाका टीएमसी के नेता शाहजहां शेख के दबदबे वाला है. शाहजहां शेख राशन घोटाले में 5 जनवरी को ईडी की छापेमारी के दौरान टीम पर हुए हमले के बाद से फरार है. उसके फरार होने के बाद 8 फरवरी से स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया. महिलाओं ने आरोप लगाया कि शाहजहां शेख और उसके लोग महिलाओं का यौन शोषण भी करते थे. 9 फरवरी को प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां समर्थक हाजरा के तीन पोल्ट्री फार्मों को जला दिया. बवाल अभी भी जारी है.
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