Unified Pension Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दे दी. सरकार के इस कदम पर जेडीयू ने प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि यह एक बहुप्रतीक्षित निर्णय था. यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा उपहार है जिन लोगों ने अपनी सेवा के 10 साल पूरे कर लिए हैं, उन्हें पेंशन के रूप में न्यूनतम 10,000 रुपये मिलेंगे. यह कर्मचारी संगठनों के लिए एक बड़ा उपहार है.


प्रधानमंत्री ने एक्स पर किया पोस्ट


यूपीएस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्‍स पर पोस्ट कर कहा, 'देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है. यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है'.






क्या है यूपीएस?


बता दें कि इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा. राज्य सरकारों को एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा. यदि राज्य सरकार यूपीएस का विकल्प चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी. सरकार के मुताबिक एरियर पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पहले वर्ष में वार्षिक लागत वृद्धि लगभग 6,250 करोड़ रुपये होगी. यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी. 


केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा. केंद्र सरकार के एनपीएस ग्राहकों को यूपीएस पर स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा.


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