पटना: जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट (Bihar Caste Survey Report) पर कई लोग सवालिया निशान लगा रहे हैं. ऐसे में बिहार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार (Sunil Kumar) ने बुधवार को कहा कि जिन लोगों को चिंता है, उन्हें वैध सबूत के साथ आना चाहिए और बिहार सरकार इस पर गौर करेगी. जाति आधारित सर्वे निष्पक्ष तरीके से किया गया और अधिकारियों ने इसमें हर पहलू को ध्यान में रखा है. फिर भी, यदि कोई इससे संतुष्ट नहीं है, तो उन्हें वैध प्रमाण के साथ आना चाहिए. अधिकारी उनकी चिंताओं पर भी गौर करेंगे.


वैध प्रमाण के साथ आना चाहिए- मंत्री सुनील कुमार 


सुनील कुमार ने कहा कि जाति आधारित इस सर्वे रिपोर्ट में अधिकारियों ने राज्य में मौजूद हर जाति का जिक्र किया है. उन्होंने शैक्षिक एवं वित्तीय विवरण ले लिया है. यदि किसी को लगता है कि अधिकारियों ने उनका विवरण नहीं लिया है या आंशिक रूप से विवरण एकत्र किया है, तो उन्हें वैध प्रमाण के साथ आना चाहिए और उसे प्राधिकारी के पास जमा करना चाहिए.


'रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले पर्याप्त समय लिया गया'


मंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले पर्याप्त समय लिया है. विपक्षी दलों के कई लोग कह रहे हैं कि रिपोर्ट जल्दबाजी में प्रकाशित की गई, यह सही नहीं है. बता दें कि जाति आधारित सर्वे रिपोर्ट सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रकाशित की और मंगलवार को सर्वदलीय बैठक के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी गई.


उठ रहे हैं सवाल


वहीं, जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट को लेकर उपेंद्र कुशवाहा, ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता रेशमा प्रसाद और अन्य राजनीतिक नेताओं सहित कई लोगों ने दावा किया कि सर्वेक्षण अधिकारी उनकी जाति और आय का विवरण लेने के लिए उनके पास नहीं आए हैं.


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