पटना: दिल्ली में 19 दिसंबर को हुई इंडिया गठबंधन की बैठक के पहले से ही जेडीयू कार्यकर्ता काफी उत्साहित थे. मांग कर रहे थे कि नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए. पोस्टर भी लग गया कि 'एक निश्चय चाहिए एक नीतीश चाहिए', लेकिन बैठक में जिस तरह से ममता बनर्जी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे कर दिया और अरविंद केजरीवाल ने उसका समर्थन कर दिया उसके बाद से ऐसा लग रहा है कि खेल ही पलट गया है. गुरुवार (21 दिसंबर) को एबीपी न्यूज़ ने नीतीश कैबिनेट के मंत्री मदन सहनी से बात की. मदन सहनी ने कहा कि बिना नीतीश के इंडिया गठबंधन का कोई औचित्य ही नहीं है.


मदन सहनी ने कहा कि इंडिया गठबंधन बनाने का श्रेय तो सभी लोग नीतीश कुमार को ही दे रहे हैं. गठबंधन में शामिल जितने भी दल हैं सभी लोग इसका श्रेय नीतीश कुमार को दे रहे हैं. आने वाले समय में भी इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार के बिना इस गठबंधन का कोई दूर-दूर तक औचित्य नहीं है. यह आज भी कायम है और आने वाले समय में भी कायम रहेगा. उन्होंने कहा कि खरगे का नाम आ भी गया तो उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है.



'आने वाले समय में दिखेगा गठबंधन का असर'


खरगे के नाम पर मदन सहनी ने कहा कि खेल बिगड़ने वाली बात नहीं है. बैठक में सबको अपनी-अपनी बात रखने का अधिकार है. कहा कि हम लोग यह बात बात मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि किसी भी स्टेट के प्रमुख हों उनके कहने से या उनके खेल बिगाड़ने से यह बिगड़ने वाला है. यह जो गठबंधन है यह पूरी तरह एक एकजुट है और आने वाले समय में इसका असर दिखेगा.


मदन सहनी एक ओर जहां गठबंधन को एकजुट करने की बात कर रहे हैं तो वह यह भी कह रहे हैं कि निश्चित तौर पर आने वाले समय में देश के प्रधानमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे. उन्हें पूरी उम्मीद है. मंत्री मदन सहनी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काम पूरा देश देख रहा है. उन्होंने जो काम किया है उसको सभी लोग दोहरा रहे हैं. जातीय गणना नीतीश कुमार ने करवाया तो राहुल गांधी ने पूरे देश में से करवाने की बात कही है.


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