MLC Neeraj Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रगान के अपमान मामले पर विधान परिषद में आरोप प्रत्यारोप का दौर चला. बिहार विधान परिषद में राष्ट्रगान के मुद्दे को लेकर सदन के अंदर हंगामा भी किया गया. राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य सुनील सिंह ने इस मुद्दे पर बोलना शुरू किया तो उनका जवाब जदयू के एमएलसी नीरज कुमार ने दिया. उन्होंने लालू राबड़ी शासन काल में तिरंगे और राष्ट्रगान का अपमान के बारे में प्रमाण के साथ बताते हुए आरजेडी को जोरदार तरीके से घेरा. 


नीरज ने दिखाई 26 जनवरी 2002 की तस्वीर 


नीरज कुमार ने मीडिया के सामने तस्वीर दिखाते हुए कहा कि यह 26 जनवरी 2002 की तस्वीर है, जब मुख्यमंत्री राबड़ी देवी हुआ करती थीं और पटना के गांधी मैदान झंडोत्तोलन हो रहा था. राष्ट्रगान गया जा रहा था. सभी लोग खड़े थे, लेकिन राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव दोनों पति-पत्नी बैठे हुए थे. उस वक्त भी जमकर हंगामा हुआ था.


उसके बाद उन्होंने बताया कि एक दूसरी घटना 1997 में लालू प्रसाद यादव का उल्टा झंडा फहराने को लेकर हुई थी, जिसका मामला इंदौर में दर्ज हुआ. ये लोग पहले अपनी गिरेबान के झांक कर देखें कि वह कितने राष्ट्रवादी हैं, जो हमेशा अपमान करते हैं. वह दूसरों को बता रहे हैं. नीतीश कुमार तो स्वतंत्रता सेनानी के बेटे हैं, उनके अंदर स्वतंत्रता सेनानी का है. खून है, घोटालेबाज का नहीं है.


उधर तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर नीतीश कुमार को जमकर घेरा, जिसका जवाब सत्ता पक्ष की ओर से विजय चौधरी ने उठकर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की राष्टभक्ति पर सवाल उठाना ठीक नहीं है, उनकी नजर में राष्ट्र का बहुत सम्मान है. उन्होंने देश के लिए ही सब कुछ किया है. विपक्ष बेवजह इल बात को तूल दे रहा है. 


बिहार विधानसभा में हुआ जमकर हंगामा


बता दें कि भारी हंगामें के बीच शुक्रवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थागित कर दी गई. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जरिए राष्ट्रगान के अपमान को लेकर सदन में बवाल मचा रहा. सड़क से लेकर सदन तक विपक्षी नेताओं ने इसे मुद्दा बनाते हुए नीतीश कुमार से माफ़ी मांगने को कहा. इसे लेकर बिहार विधानसभा के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही हंगामें की भेट चढ़ गई.


ये भी पढ़ें: Bihar Budget Session: भारी हंगामे के बीच बिहार विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थागित, दिन भर नहीं चला सदन