पटनादिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में आयोजित जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शुक्रवार (29 दिसंबर) को ललन सिंह (Lalan Singh) ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में अभी कुछ महीने बचे हैं और इससे पहले ललन सिंह के इस्तीफे को लेकर सबसे बड़ा सवाल है कि उन्होंने अचानक इस्तीफा क्यों दिया? सियासी गलियारों में इसको लेकर अलग-अलग चर्चा है. जानिए इस्तीफे के पीछे की कुछ वजह.


चुनाव लड़ने के लिए छोड़ दिया पद?


पहली वजह: जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा कि ललन सिंह ने खुद अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उसे स्वीकार कर लिया है. अब नीतीश कुमार हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे. विजय चौधरी ने कहा कि ललन सिंह ने यह प्रस्ताव रखा कि वह खुद चुनाव लड़ने वाले हैं और उनका क्षेत्र में रहना जरूरी है. इसमें उनकी व्यस्तता रहेगी है इस कारण वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को संभालने में असमर्थ है. इस पर नीतीश कुमार ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया. आधिकारिक तौर पर यही कारण सामने आया है.


पार्टी के नेता भी नहीं थे ललन सिंह से खुश?


दूसरी वजहललन सिंह का इस्तीफा तुरंत नहीं हुआ है. ऐसी खबरें हैं कि इसकी पटकथा काफी पहले लिखी जा चुकी थी. पहले से चर्चा हो गई थी कि ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटेंगे और उनकी जगह कोई और इस संभालेगा. इसके पीछे एक वजह यह भी मानी जा रही है कि ललन सिंह से पार्टी के कई नेता खुश नहीं हैं. यह बात नीतीश कुमार तक पहुंची. नीतीश कुमार इससे पहले सभी विधायक, विधान पार्षद, सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद के साथ बैठक करते रहे हैं. पार्टी में अंदर की बातों का जायजा लेते रहे हैं. हो सकता है कि एक कारण इससे जुड़ा भी हो.


लालू-तेजस्वी से बढ़ती जा रही थी नजदीकी?


तीसरी वजह: ललन सिंह के इस्तीफा का कारण जो बताया गया है वो पूरी तरह हजम नहीं हो रहा है क्योंकि अध्यक्ष पद पर रहते हुए भी ललन सिंह चुनाव की तैयारी कर सकते थे. मुख्य बात है कि नीतीश कुमार अपनी पुरानी गलती को दोहराना नहीं चाहते हैं और उन्होंने ललन सिंह से इस्तीफा लिया है. इसका एक और कारण यह भी है कि इन दिनों ललन सिंह की लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से नजदीकी बढ़ गई है और पार्टी के नेताओं के साथ उनका रवैया सही नहीं है. नीतीश कुमार के साथ काफी करीबी रहे कई नेताओं ने ललन सिंह पर तानाशाही का आरोप लगाकर इस्तीफा दिया था. इंडिया गठबंधन की एक बैठक में ललन सिंह कांग्रेस की सभी बातों में हामी भर रहे थे जो नीतीश कुमार को पसंद नहीं आया था. उस समय भी नीतीश कुमार की नाराजगी दिखी थी. ऐसे में साफ है कि यह सब कुछ अचानक नहीं हुआ है. सियासी गलियारे में इन सारी बातों की चर्चा हो रही है.


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