सम्राट अशोक पर अमर्यादित टिप्पणीः JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने PM मोदी और राष्ट्रपति से ये मांग, पढ़ें क्या कहा
Bihar News: बीते दिनों दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक पर एक नहीं कई टिप्पणी की थी. ललन सिंह से पहले जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी निंदा कर चुके हैं.
पटनाः सम्राट अशोक (Samrat Ashok) पर इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के उपाध्यक्ष और बीजेपी के कल्चरल सेल के संजोयक दया प्रकाश सिन्हा के द्वारा की गई टिप्पणी का मामला अब सियासी रंग ले चुका है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने इसकी निंदा करते हुए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग की है.
ललन सिंह ने कहा "प्रियदर्शी सम्राट अशोक मौर्य बृहत और अखंड भारत के निर्माता थे. उनके बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल असहनीय है, अक्षम्य है. जो व्यक्ति ऐसा किया है वह विकृत विचारधारा से प्रेरित है. प्रियदर्शी सम्राट अशोक मौर्य बृहत और अखंड भारत के निर्माता थे. उनके बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल असहनीय है, अक्षम्य है. ऐसा करने वाला विकृत विचारधारा से प्रेरित है. महामहिम राष्ट्रपति जी, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मांग करते हैं कि ऐसे व्यक्ति का पद्मश्री वापस लें."
प्रियदर्शी सम्राट अशोक मौर्य बृहत-अखंड भारत के निर्माता थे। उनके बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल असहनीय है, अक्षम्य है।ऐसा व्यक्ति विकृत विचारधारा से प्रेरित है।महामहिम @rashtrapatibhvn जी व मा. @PMOIndia श्री @narendramodi जी से ऐसे व्यक्ति का पद्मश्री वापस लेने की मांग है। pic.twitter.com/aNGjRshbmw
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) January 12, 2022
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दया प्रकाश ने सम्राट अशोक पर क्या कहा था?
बता दें कि बीते दिनों दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक पर एक नहीं कई टिप्पणियां की थीं, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अब तक इतिहास और साहित्य में अशोक के उजले पक्ष को ही उजागर किया गया. जबकि, वह एक क्रूर शासक था. दयाप्रकाश ने श्रीलंका के कुछ प्रमुख बौद्ध धर्म ग्रथों दीपवंश, महावंश, अशोकावदान और तिब्बती लेखक तारानाथ के ग्रंथ का जिक्र करते हुए कहा कि इसे पढ़ने के बाद यह ज्ञात होता है कि वह बहुत ही बदसूरत था. उसके चेहरे पर दाग थे और वह शुरुआती जीवन में बहुत ही कामुक था. बौद्ध ग्रंथ भी कहते हैं कि अशोक कामाशोक और चंडाशोक था. चंडाशोक का मतलब बहुत क्रूर होता है.
उपेंद्र कुशवाहा ने भी की कार्रवाई की मांग
दया प्रकाश के इस बयान की तमाम राजनीतिक दल और अन्य संस्थान निंदा कर रहे हैं. जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी मंगलवार को निंदा करते हुए बीजेपी के एक नेता के बयान पर कार्रवाई करने की मांग की थी. साथ ही यह भी कहा था कि ऐसे लोगों पर अगर कार्रवाई नहीं की जाती है तो पार्टी (बीजेपी) को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
बताते चलें कि दया प्रकाश सिन्हा हिंदी साहित्य अकादमी सम्मान और पद्मश्री सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं. लेकिन, सम्राट अशोक पर की गई टिप्पणी के बाद देशभर में उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है.