पटनाः नीति आयोग की रिपोर्ट (Niti Aayog Report 2021) आने के बाद बिहार की सियासत गर्म है. एक तरफ विपक्ष आरोप लगा रहा है तो वहीं जेडीयू (JDU) किसी भी हाल में इस रिपोर्ट को मानने के लिए तैयार नहीं है. अभी हाल ही में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से जब नीति आयोग की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ये कह दिया कि उन्होंने रिपोर्ट देखी ही नहीं है. उन्हें जानकारी नहीं है. रिपोर्ट देखने के बाद वे कोई प्रतिक्रिया देंगे. अब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने कहा है कि बिहार में विकास देखना है तो जंगलराज से तुलना की जाए तब पता चलेगा.


रविवार को ललन सिंह ने ट्वीट कर लिखा, “विभाजन के बाद बिहार में सिर्फ बालू, आलू और लालू ही बचे थे. खजाने लूट चुके थे, व्यवस्थाएं चौपट थीं! भौगोलिक स्थिति के कारण हर वर्ष आपदाओं का कहर भी है! ऐसे में गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल व गोआ जैसे संसाधन युक्त प्रदेशों से नीति आयोग द्वारा बिहार की तुलना नाइंसाफी है.”


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बड़े-बुजुर्गों से लालू काल की कहानी सुनें युवा


ललन सिंह ने कहा, “वाकई में नीति आयोग ईमानदारी से बिहार में सुशासन के 15 साल में हुए विकास की तुलना करना चाहता है तो 1990-2005 के जंगलराज से तुलना करे, वर्तमान बिहार का विकास दर देशभर में सबसे ज्यादा ही मिलेगा. युवाओं को बड़े-बुजुर्गों से लालू काल की रूह कंपाने वाली कहानियां सुननी चाहिए.”


तेजस्वी ने कहा था- भोले हैं नीतीश कुमार


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से दिए गए बयान कि उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट नहीं देखी है इस पर तंज कसा है. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “माने बहुते ही भोले हैं. कहीं कुछ देखते कहां हैं? इतना अभिनय करने के पश्चात भी क्या इनके चेहरे के भाव से लगता है कि वो वास्तव में नीति आयोग की रिपोर्ट के बारे में जानते ही नहीं हैं? वो अच्छे से जानते है कि जब यह खबर बासी हो जाएगी तो कौन पूछेगा?"


शिक्षा मंत्री भी उठा चुके हैं रिपोर्ट पर सवाल


शिक्षा मंत्री विजय चौधरी भी नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि नीति आयोग के काम करने का तरीका ही अव्यवहारिक और अप्रासंगिक है. हम लोग नीति आयोग के सामने अपना पक्ष रखेंगे. हम उम्मीद रखते हैं कि हमारे पहले के लिखे गए पत्र पर विचार करना चाहिए. 



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