पटना: बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को सम्राट अशोक की जयंती पर जेडीयू (JDU) द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान पार्टी नेता बीजेपी (BJP) पर हमलावर दिखे. कार्यक्रम के दौरान दोनों पार्टियों के बीच चल रही खटपट खुलकर सामने आ गई. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) भरे मंच से बीजेपी पर निशाना साधते दिखे. कुशवाहा ने अपने संबोधन में कहा कि कल कुछ बीजेपी के नेता कह रहे थे कि उनकी सरकार में सम्राट अशोक की जयंती पर अवकाश की घोषणा की गई थी. शायद बीजेपी नेता को पूरी जानकारी नहीं है, यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2015-16 में किया था.
कार्यक्रम के दौरान हमलावर दिखे पार्टी नेता
कुशवाहा ने कहा, " जिस वक्त बीजेपी से गठबंधन नहीं था, उस वक्त ही अवकाश का फैसला लिया गया था. ऐसे में बिना सोचे समझे अगर झंडा उठाईएगा तो जो दुर्गति हो रही है वो आगे भी होती रहेगी." जातीय जनगणना का मुद्दा हो या विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा, पूरे कार्यक्रम के दौरान पार्टी नेता बीजेपी को घेरने का काम करते रहे.
जेडीयू अध्यक्ष की बीजेपी की खरी-खरी
अंत में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए नेतृत्व से हम समझौता नहीं कर सकते हैं. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चल रही है और आगे भी चलेगी. इस पर कोई समझौता नहीं होगा. इधर, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि प्रदेश के मौजूदा सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) किसी की कृपा पर मुख्यमंत्री नहीं हैं. इस बात को सभी समझ लें. जनता की ताकत के कारण वे सीएम की गद्दी पर बैठे हैं. उन्होंने जनता के लिए जो काम किया है, उसी का नतीजा है कि वो सीएम बने हैं.
जातीय जनगणना का फिर से उठाया मुद्दा
ललन सिंह ने कहा कि जनता नीतीश कुमार की ओर देखती है. जिधर उनका इशारा होता है, उधर ही वोट गिरता है. बिहार में समाज के नवनिर्माण में उनका अहम योगदान रहा है. 2005 से आज तक वे समाज के हर वर्ग के लिए काम कर रहे हैं. संबोधन के दौरान उन्होंने जातीय जनगणना (Caste Based Census) की मांग दोहराते हुए कहा कि जातीय जनगणना समय की मांग है, इसलिए इसको कराने की जरूरत है. जेडीयू मजबूती से इस मांग को उठाते रहेगा.
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