पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला. इस बार उन्होंने नीतीश कुमार को सबसे झूठा मुख्यमंत्री बताया है. साथ ही उनपर कई आरोप लगाए हैं. ऐसे में जेडीयू ने भी तेजस्वी यादव के आरोपों का पलटवार किया है. तेजस्वी यादव की बातों का पलटवार करते हुए जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा, " जिनके शासनकाल में बाढ़ घोटाला हुआ हो वो आज बाढ़ पर ज्ञान बांट रहे हैं, जो खुद कोरोना काल में दिल्ली में मौज मस्ती कर रहे थे वो आज कोरोना पर ज्ञान बांट रहे हैं."


निखिल मंडल ने कहा, " वो व्यक्ति अपराध पर बात कर रहा है, जिसके राज को अपराध के लिए ही जाना जाता है. जिसके राज में एफआईआर नहीं होता था, वो आज बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है. वो भी किस प्रकार NCRB के आंकड़ों को तोड़मरोड़ कर. तेजस्वी जी जगह, समय, तिथि तय कीजिये आपके एक-एक सवाल का जवाब देने को तैयार हूं. लेकिन आग्रह है आपसे की इस तरह का कंफ्यूजन बिहार की जनता के बीच न फैलाएं. आप संवैधानिक पद पर हैं, थोड़ा इस बात का ज्ञान रखें और लॉजिकल बात करें."


सूबे में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. इसी क्रम में शनिवार को तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें झूठ करार दिया. तेजस्वी यादव ने कहा, " जो मुख्यमंत्री सदन में झूठ बोलता हो उसपर बिहार की जनता कैसे विश्वास करे. उन्होंने झूठ ही नहीं मिसगाइड किया कि सदन में लोग मास्क न पहनें. इन्होंने तो जो मजदूर ट्रेन से आए उनसे भी पैसा वसूला. ये सबसे बड़े झूठे मुख्यमंत्री हैं. मजदूरों की बात हो, आंकड़ों की बात हो, पैकेज की बात हो हर जगह झूठ. उनका एजेंडा है कि सच छुपाओ लोग भूल जाएंगे. केवल शिलान्यास करो. मेरा सवाल है कि अभी शिलान्यास क्यूं कर रहे हैं? क्या चार साल से सब कुछ दबा रखे थे कि चुनाव आने पर करेंगे इस कोरोना काल में?"


तेजस्वी यादव ने सूबे में बाढ़ की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, " बाढ़ से बिहार के 16 जिले 130 प्रखंड और 84 लाख आबादी प्रभावित है. हमारे कई बार कहने के बाद दो बार ही मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वे किया है. उन्होंने प्रोएक्टिव होकर कोई काम नहीं किया है. बाढ़ में केवल दो से तीन दिन ही दिखावे के लिए राहत सामग्री का वितरण किया गया. कई तटबंध, पुल-पुलिया, बांध और कई नए अप्रोच रोड टूटे. ऐसे में जब 84 लाख आबादी प्रभावित है तो आपने राहत पहुंचाने के लिए क्या तैयारी की है? क्या एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर सिर्फ फोटोशूट के लिए बुलाया गया था? क्या आपने इसके लिए केंद्र से सहायता मांगी है? और अगर केंद्र की ओर से मदद मिला तो क्या मिला?"


उन्होंने कहा, " राज्य में बाढ़ और कोरोना की दोहरी मार से स्थिति भयावह है. हमने डबल इंजन सरकार के खिलाफ आवाज उठाया लेकिन सरकार कभी गंभीर नहीं दिखी. उनको बिहार की चिंता नहीं, उन्हें केवल अपनी कुर्सी की चिंता है. सदन में भी सरकार कोरोना और बाढ़ पर सीरियस नहीं है. उन्होंने कमेटी गठन की बात कही थी जो कोरोना या बाढ़ के लिए काम करती लेकिन वो कमिटी आजतक नहीं बनी. ऐसे में जिस तरह से लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी शासनकाल में सामाजिक न्याय किया था,अगर हमारी सरकार आती है तो हम सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय भी करेंगे."