Bihar Political News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) जहां 2024 लोकसभा चुनाव के लिए देशभर के सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं. वहीं, बिहार (Bihar) में महागठबंधन (Mahagathbandhan) में दरार पड़ती नजर आ रही है. एक तरफ नीतीश कुमार की पार्टी से इस्तीफा देकर वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने अलग दल बनाने का ऐलान किया है. वहीं, अब आरजेडी (RJD) और जेडीयू (JDU) के बीच दरार पड़ती दिख रही है. 


ललन सिंह ने लिया यू-टर्न


जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार के उपमुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम चेहरा बनाने से यू-टर्न ले लिया. ललन सिंह ने कहा कि हमने तय नहीं किया है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में सीएम उम्मीदवार कौन होगा. 2025 जब आएगा, तब हम इस पर गौर करेंगे. हमने यह नहीं कहा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में सीएम उम्मीदवार कौन होगा.


माना जा रहा कुशवाहा का दबाव


ललन सिंह के इस बयान को उपेंद्र कुशवाहा के दबाव में दिए गए बयान के तौर पर देखा जा रहा है. यह बयान कुशवाहा के जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने और एक नए राजनीतिक दल के गठन की घोषणा के तुरंत बाद आया है. दरअसल, कुशवाहा ने 2025 में तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार बनाने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा का विरोध किया था. अब माना जा रहा है कि शायद इसी को लेकर जदयू दबाव में आ कर इस तरह का बयान दे रही है. नीतीश कुमार ने कई मौकों पर कहा था कि तेजस्वी यादव 2025 में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. 


कुशवाहा को बताया महत्वकांक्षी शख्स


इस बीच, ललन सिंह ने दावा किया कि कुशवाहा के बाहर निकलने से जदयू को कोई नुकसान नहीं होगा, उन्होंने कहा कि उन्हें अतीत में पल्टीमार की आदत है. उन्होंने पहले दो बार पार्टी छोड़ दी. हम सभी जानते हैं कि वह दिल्ली और पटना यात्रा के दौरान किससे मिले थे. हम जानते हैं कि उनके संपर्क में कौन है. उनसे जुड़े लोगों ने उनके इरादे के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था. उनकी तरफ से बड़ी संख्या में लोग हमारी तरफ आए.


उन्होंने कहा कि जब आप उपेंद्र कुशवाहा के राजनीतिक इतिहास को खंगालते हैं, तो पता चलेगा कि वह एक जगह नहीं रहते. वह अति महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं. जब वह पिछली बार जदयू में शामिल होने आए थे, तो पार्टी का हर सदस्य उनके शामिल होने के खिलाफ था. मुख्यमंत्री ने मुझसे उनके बारे में पूछा था. वह भी वहां मौजूद थे और मैंने मुख्यमंत्री से कहा कि 'कृपया उनसे पूछे कि वह पार्टी में कब तक रहेंगे'. फिर भी सीएम नीतीश कुमार ने हमारे सुझावों को अनसुना कर दिया और उन्हें पार्टी में शामिल होने की अनुमति दे दी. ऐसे में उनका यह दावा कि सीएम खुद फैसला नहीं ले रहे हैं, बिल्कुल गलत है.


मुख्यमंत्री बनने का देख रहे हैं सपना


उन्होंने कहा- उपेंद्र कुशवाहा आरोप लगा रहे हैं कि तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद जंगल राज आएगा. मैंने उनसे पूछा कि राजद के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन के लिए अरवल के एक सर्किट हाउस और उनके आवास पर 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के पास कौन गया था. उस वक्त उन्होंने अपने लिए मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी की मांग की थी, जिसे तेजस्वी यादव ने ठुकरा दिया था. फिर वह बसपा में चले गए और इसने उन्हें गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया, उस समय उनका गठबंधन रालोसपा, बसपा और एआईएमआईएम से मिलकर बना था.


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