पटना: बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रजनन दर को लेकर आंकड़े क्या पेश किए कि बिहार की सियासत में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने को लेकर बहस छिड़ गई. इस बीच जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि कानून बनाने से इस समस्या का निदान नहीं होने वाला है. इसके लिए व्यक्तिगत तौर पर सोचना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि होने से समस्या पैदा होती है. जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस बयान के बाद साफ हो गया है कि जेडीयू जनसंख्या वृद्धि को कम करने के लिए किसी कानून का सहारा लेने के मूड में है.
मुख्यमंत्री ने सदन में पेश किया था आंकड़ा
दरअसल, राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद के दौरान बोलेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्य में क्षेत्रफल के मुकाबले आबादी अधिक है. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा देने की जरूरत है. एक परिवार में 3.5 की औसत दर से प्रजन्न हो रहा है. ऐसे में उन्होंने लड़िकयों के शिक्षित होना को अहम बताया था.
बीजेपी विधायक ने दिया था विवादित बयान
बता दें कि 2 दिन पहले बिहार में बीजेपी के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बड़ा बयान दिया था. बीजेपी विधायक ने कहा था कि देश में जनसंख्या वृद्धि के लिए मुस्लिम धर्म के लोग जिम्मेदार हैं. इस धर्म के लोग शिक्षित हों या अशिक्षित दोनों बड़ी तादाद में बच्चे पैदा करते हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री के सदन में दिए गए बयान के बाद जेडीयू एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने भी कहा कि अब तक कितनी रिपोर्ट आ चुकी है और उस सर्वे रिपोर्ट में बच्चे और बच्ची दोनों की रिपोर्ट होती है. तो पहले और अब में देश और देश का हर नागरिक, धर्म चाहे जो हो, छोटे परिवार की कल्पना कर चुका है. जो भी परिवार है किसी भी धर्म का है वो सुखी और संपन्न के लिए एजेंडा तय कर चुका है. उन्हें किसी की राय की जरूरत नहीं है.
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