'जनता दल यूनाइटेड के अंत का समय आ गया’, कुशवाहा के इस्तीफे के बाद BJP की प्रतिक्रिया, कहा- नीतीश तो...
JDU Rebel: सोमवार को उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू पार्टी की ओर से सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली है जिसके बाद से ही बयानों का सिलसिला शुरू हो गया है.
पटना: बिहार जेडीयू में जबरदस्त भूचाल आया है. सोमवार को उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इसकी वजह नीतीश कुमार द्वारा पार्टी को खत्म करना बताया है. साफ जाहिर किया कि तेजस्वी को नेतृत्व देने से वो खुश नहीं हैं. इस पर अब बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर और बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया ने साफ कह दिया है कि जनता दल यूनाइटेड के अंत का समय आ गया है. अब नीतीश कुमार की पार्टी में कुछ नहीं बचा है.
‘नीतीश खुद के बुने जाल में फंस गए’
संजय टाइगर ने कहा कि जेडीयू में खंडन शुरू हो गया है. नीतीश कुमार ने जनादेश का अपमान किया और आरजेडी का दामन थाम लिया. बाद के दिनों में घोषणा कर दी कि आगे का नेतृत्व तेजस्वी यादव संभालेंगे. इससे जेडीयू में खलबली मच गई. पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी.
पार्टी के विलय की भी बात थी. पार्टी फिलहाल अंतर्कलह की दौर से गुजर रही. धीरे-धीरे पार्टी में बहुत कुछ होगा. नीतीश अपने ही बुने जाल में फंस गए हैं. उनकी गति सांप छछूंदर की तरह हो गई है. उनके पास कोई रास्ता नहीं है. न आरजेडी के साथ रहने के लिए वह सहज हैं और न ही बाहर निकलने का रास्ता है. मुझे लगता है हर चीज का अंत होता और इसके अंत का भी वक्त आ गया है.
‘तेजस्वी के नेतृत्व को बर्दाश्त करने के मूड में कोई नहीं’
बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि नीतीश कुमार का जैसा व्यवहार रहा है उसे ये दिख जाता कि पार्टी को मजबूत करने और सही दिशा में ले जाने की कोई मंशा नहीं थी. उनकी मंशा केवल आरजेडी को आगे करना और तेजस्वी को कैसे सत्ता सौंपी जाए. उसी की तैयारी में है. पार्टी में कोई भी इस चीज को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है कि तेजस्वी को नेतृत्व दी जाए. इसी के आधार पर सभी चीजें हुईं हैं.
निखिल आनंद बोले कुशवाहा नीतीश-ललन से ज्यादा समाजवादी
वहीं निखिल आनंद ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को ठग कर राज्यसभा भेजा. उन्होंने इस्तीफा देकर रालोसपा का गठन किया. नीतीश ने कुशवाहा को फिर ठगा तो विधान परिषद भेजा, फिर उन्होंने इस्तीफा देकर रालोजद बनाया. उपेंद्र कुशवाहा स्पष्टत: नीतीश-ललन से ज्यादा बड़े वैचारिक-नैतिक मूल्य वाले समाजवादी हैं.
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