पटनाउपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने अब अपनी नई पार्टी बना ली है. अब वे 'राष्ट्रीय लोक जनता दल' (Rashtriya Lok Janata Dal) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं. सोमवार (20 फरवरी) को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. इस दौरान उन्होंने अपनी बातों को रखा. कुशवाहा को लेकर सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म पहले से ही था कि वह कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं. सोमवार को वही हुआ. पार्टी छोड़ने से पहले कुशवाहा ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, नीतीश कुमार समेत कई लोगों को फोन मिलाया था. जानिए किससे क्या बात हुई थी.


पार्टी छोड़ने से पहले उपेंद्र कुशवाहा ने सबसे पहले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को फोन किया था. कुशवाहा ने ललन सिंह से कहा कि अब हम पार्टी से मुक्त होना चाहते हैं. इस पर ललन सिंह ने कहा कि जब आप निर्णय ले चुके हैं तो हम क्या कहें. कुशवाहा ने वशिष्ठ बाबू को भी फोन लगाया. उन्होंने सारी बात बताई. पार्टी छोड़ने की बात से वे काफी दुखी भी हुए, क्योंकि पार्टी में लाने में उनकी भी बहुत बड़ी भूमिका थी. उनकी पहल थी और इच्छा भी थी जिसके बाद कुशवाहा पार्टी में आए थे इसलिए इस बात से वशिष्ठ बाबू दुखी थे.


सभापति को भी किया फोन


उपेंद्र कुशवाहा ने विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को भी फोन लगाया. त्यागपत्र की प्रक्रिया होती है, या तो मिलकर देना होता है या फिर फोन पर भी कई बार बोला जाता है लेकिन यह देखा जाता है कि सभापति संतुष्ट हैं या नहीं. यह देखा जाता है कि इस्तीफा किसी दबाव में दिया जा रहा है या फिर अपनी इच्छा से. सभापति अभी नहीं हैं. वह 23 या 24 तक लौटेंगे तो उनसे मिलकर उपेंद्र कुशवाहा इस्तीफा सौंप देंगे.


नीतीश कुमार के अधिकारी से हुई बात


उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार के पास भी फोन लगाया. हालांकि नीतीश कुमार से उनकी बात नहीं हो पाई. सीएम के एक खास अधिकारी से बात हुई तो उनसे ही उन्होंने अपना संदेश देने के लिए कहा. कुशवाहा ने अधिकारी से कहा कि मेरा संदेश दे दीजिएगा कि हम अब पार्टी से मुक्त हो रहे हैं.


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