पटना: संतोष मांझी (Santosh Manjhi) के इस्तीफे के बाद सियासत जारी है. बुधवार (14 जून) को प्रदेश कार्यालय में जेडीयू नेता श्रवण कुमार (Shrawan Kumar) ने संतोष मांझी के इस्तीफे को लेकर कहा कि जिन्हें जाने की इच्छा होती है उन्हें कोई रोक नहीं सकता, किसी की इच्छा आने की है तो उसे भी कोई नहीं रोक सकता है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जीतन राम मांझी को और उनके बेटे संतोष मांझी को बहुत सम्मान दिया था. चार पैर वाले को बांधा जाता है, दो पैर वाले को नहीं.
श्रवण कुमार ने कहा कि देश के व्यापक हित में जो लोग भी सोचते हैं वो महागठबंधन के साथ रहेंगे. जिन्हें देश हित में नहीं सोचना है और परिवार एवं खुद के बारे में सोचना है तो वो कोई भी फैसला ले सकते हैं. नीतीश कुमार के कार्यकाल में जीतन राम मांझी को और उनके बेटे संतोष मांझी को जितना सम्मान मिला है वह अब चाहे कहीं भी चले जाएं उन्हें उतना सम्मान नहीं मिल सकता है.
पार्टी के साथ विलय के दबाव पर क्या कहा?
विलय के दबाव के सवाल पर श्रवण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार के नेचर को सभी कोई जानते हैं. वह जो भी काम करते हैं भाईचारे के साथ करते हैं और मिल जुलकर करते हैं. यही खासियत है कि आज विपक्ष एक रास्ते पर है. महागठबंधन एक रास्ते पर है. श्रवण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया था. इससे ज्यादा सम्मान और क्या हो सकता है? उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इतना सम्मान कभी बीजेपी वाले नहीं दे पाएंगे जितना उनकी पार्टी ने दिया.
श्रवण कुमार ने कहा कि 2024 में बीजेपी मुक्त भारत का जो मिशन है वह कामयाब होते हुए दिख रहा है. जनता बीजेपी मुक्त भारत चाहती है. आगे उन्होंने कहा कि देश का संविधान खतरे में है, देश के गरीब लोग खतरे में हैं इसलिए महंगाई और बेरोजगारी के आलम से परेशान जनता चाहती है कि 2024 में बीजेपी मुक्त भारत हो.
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