पटना: पीएम मोदी द्वारा आज यानी रविवार को नई दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया. पूरे विधि-विधान के साथ पीएम मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया. हालांकि इसका उद्घाटन देश की राष्ट्रपति से कराए जाने की मांग को लेकर 21 विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया और इसमें शामिल नहीं हुए. इसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, AAP, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल वैगरह शामिल हैं.


देश के नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद विभिन्न पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है. इसे लेकर जेडीयू ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. जेडीयू ने कहा कि कलंक का इतिहास लिखा जा रहा है.


जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा ''प्रधानमंत्री ने भारत को कलंकित किया है. वीर सावरकर के जन्मदिन के अवसर पर काम किया जा रहा है. लोकतंत्र के अधिनायकवाद की शुरुआत है. ये बीजेपी का संसद है, वहां जो किया जा रहा है वह इतिहास को बदलने की कोशिश है.'' उन्होंने आरोप लगाया ''हिंदू मंदिर को तोड़ने का काम करते हैं. संविधान निर्माताओं का अपमान करते हैं. ये निश्चित रूप से बीजेपी का संसद है.''


पटना में जेडीयू का अनशन


वहीं जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पीएम मोदी ने नए संसद भवन का स्वयं उद्घाटन करने का निर्णय लिया है, जिसके विरोध में 28 मई को 11 बजे से जेडीयू के नेता बाबा साहब की प्रतिमा के सामने अनशन करेंगे. उन्होंने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं बुलाना दलित और महिला अपमान है. जेडीयू दलित आदिवासी महिला का अपमान नहीं सहेगा.


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