VIDEO: 'हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं...', स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का JDU ने किया समर्थन, RJD ने क्या कहा?
Swami Prasad Maurya Controversial Statement: स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (एक्स) पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो हिंदू धर्म को लेकर अपनी बात कह रहे हैं.
पटना: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. उनके बयान पर अब बिहार में भी बयानबाजी तेज हो गई है. जेडीयू ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन किया है तो वहीं आरजेडी का अलग स्टैंड है. सोमवार (28 अगस्त) को जेडीयू और आरजेडी दोनों पार्टियों ने इस पर प्रतिक्रिया दी.
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने खामियों का जिक्र किया है. हिंदुत्व में संकुचन था इसलिए सदियों से पिछड़े दलित आदिवासी कहीं न कहीं हिंदुत्व की धारा से खुद को कटे हुए महसूस करते थे. उस पीड़ा का एहसास कराने की कोशिश स्वामी प्रसाद मौर्य ने की है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर जो लोग हायतौबा मचा रहे उनके दिमागी दिवालियापन पर तरस खाने के बजाय और कुछ नहीं हो सकता.
मृत्युंजय तिवारी ने क्या कहा?
स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि उन्होंने किस संदर्भ में क्या बयान दिया है यह वही जानें. हम लोग एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं. सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए. सभी लोगों में आपसी भाईचारा है. प्रेम से मिलजुलकर साथ में इस देश में लोग रहते हैं. यही इस देश की खूबसूरती है, इसलिए सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा कहा जाता है. अलग-अलग धर्मों के लोग देश में हैं जो अपने-अपने धर्मों को मानते हैं. सब धर्मों का अपना-अपना नियम कानून बना हुआ है, लेकिन यह देश की खूबसूरती है कि हम एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं. वोटों के ध्रुवीकरण के लिए बीजेपी इस कोशिश में लगी रहती है कि उन्माद फैलाया जाए, लोगों को आपस में लड़ाया.
स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान पढ़ें
बता दें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान देते हुए यह कहा है कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं, यह केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है. अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता.
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: CM नीतीश को चिराग का चैलेंज- हिम्मत है तो किसी सीट से लड़ लें चुनाव, कहा- गठबंधन में सिर्फ विरोधाभास