पटना: जेडीयू (JDU) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने सोमवार को सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट कर आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) को जवाब दिया था. उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से कहा था कि वे सुधाकर सिंह के बयानों पर संज्ञान लें. अब मंगलवार को सुधाकर सिंह ने सोशल मीडिया पर ही पोस्ट कर उपेंद्र कुशवाहा के इतिहास का पन्ना पलटते हुए जवाब दिया है.


सुधाकर सिंह ने फेसबुक पर मंगलवार को लंबा चौरा पोस्ट लिखा. नीचे पढ़ें सुधाकर सिंह का पोस्ट जिसमें उन्होंने कई बातें कही हैं. पढ़िए हूबहू वही पोस्ट.


"प्रिय उपेंद्र कुशवाहा जी, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. आपको जानकर खुशी होगी कि श्री लालू प्रसाद यादव जी की सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने वाले आप जैसे योद्धा का मैं पुराना प्रशंसक हूं. विशेष रूप से इस वजह से भी कि कई वर्षों पहले आपने नीतीश कुमार के बारे में जो भी भविष्यवाणीयां की थीं वह आज सच साबित हो रहीं है. मुझे ठीक ठीक याद है कि आपने 9 दिसंबर 2011 को नीतीश कुमार को तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताते हुए जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा दे दिया था. उस समय मुझे भी आपके इस वक्तव्य पर आश्चर्य हुआ था मगर आज आपकी दूरदर्शिता पर गर्व महसूस होता है. 2018-2019 में आपने नीतीश कुमार के कार्यकाल को बिहार का सबसे खराब दौर कहा था जिस दौरान बिहार की शिक्षा व्यवस्था पुरी तरह से चरमरा चुकी है. उस दौरान आपकी नजर में नीतीश कुमार सरकार चलाने के लायक नहीं थे. इन सटीक विश्लेषणों के लिए मेरा साधुवाद स्वीकार कीजिए."


"चार वर्ष पहले आपके द्वारा आयोजित की गई नीतीश हटाओ भविष्य बचाओ पदयात्रा आज भी हमारे जैसे साधारण कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत है और हमें पूरी उम्मीद है कि नीतीश कुमार को हटाने के लिए जो नींव आपने चार वर्ष पहले रखी थी वह जल्द पूरी होगी. मैंने अपने राजनीतिक जीवन काल का सबसे खौफनाक मंजर रविवार 15 मार्च 2009 को देखा था जब आपके सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारी संख्या में पुलिस बल भेजकर आपकी गैरमौजूदगी में आपकी वृद्ध माता जी, धर्मपत्नी समेत घर के तमाम सदस्यों को राजनीतिक सुचिता अथवा मर्यादा का ख्याल किए बगैर जबरन बाहर निकालकर सरकारी आवास खाली करवाया था. हम लोग आज भी आपके साथ हुए दुर्व्यवहार को याद करके शर्मिंदगी महसूस करते हैं."


आज भी मैं लड़ाई लड़ रहा हूं: सुधाकर सिंह


सुधाकर सिंह ने फेसबुक पर आगे लिखा- "आपने बिहार के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं. कृषि मण्डी कानून आपकी पार्टी रालोसपा के घोषणा पत्र का प्रमुख हिस्सा था जिसकी लड़ाई आज भी मैं लड़ रहा हूं. यहां तक कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार के बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर आपने आमरण अनशन भी किया था जिसे हमारे नेता श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने ही आपको जूस पिलाकर खत्म करवाया था. आपने जब पूरे बिहार में खीर पकाने की बात की तो हमने पूरी तन्मयता के साथ बिल्ली से उस खीर की रक्षा के लिए तैयारी की. मगर हमें क्या पता था कि खुद बाघ ही बिल्ली को खीर की हांडी परोस आयेगा और खीर बनाने वाले को एक चम्मच खीर भी नसीब नहीं होगा."


"रही बात नीतीश कुमार को शिखंडी कहे जाने की तो यह संज्ञा राजद के द्वारा आधिकारिक तौर पर कई वर्षों पहले ही नीतीश कुमार को दी जा चुकी है, उसे सहर्ष स्वीकारने के बाद ही नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल से अपनी सरकार बचाने के लिए सहयोग की गुजारिश करने आए थे. आपकी सुविधा के लिए पूर्व में आपके द्वारा दिए गए वक्तव्यों एवं अनुभवों से संबंधित खबरों की कुछ तस्वीर आपसे साझा कर रहा हूं. हो सके तो इसको फ्रेम करवा कर घर में लगवा लिजिए ताकि भविष्य में आपको भी अपनी जिम्मेवारी का एहसास होता रहे और पूर्व की तरह आगे भी आप हमें मार्गदर्शित करते रहें."


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