पटना: अरुणाचल प्रदेश में छह विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने का दर्द जनता दल (युनाइटेड) के नेताओं को कम नहीं हो रहा है. बिहार में भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार चला रही जेडीयू के नेताओं को अभी भी उस दर्द की टीस तकलीफ दे रही है. जेडीयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मंगलवार को कहा कि "अरुणाचल प्रदेश की घटना से हमलोगों को तकलीफ तो जरूर हुई है."


वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपनी तकलीफ बयां करते हुए कहा, "इस घटना से हमलोगों को तकलीफ तो जरूर हुई है. इसे करने की जरूरत नहीं थी. इसका सबसे बड़ा कारण है कि हमलोग साथ काम करने, सहयोग करने को तैयार थे. जब काम करने को तैयार थे तब मिलाने का तर्क समझ में नहीं आ रहा." उन्होंने आगे कहा कि ऐसी घटनाओं का दिल और दिमाग पर तो असर पड़ता ही है.


जेडीयू के छह विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले गए


उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही अरुणाचल प्रदेश के जेडीयू के सात विधायकों में से छह विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले गए हैं. इसके बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आरजेडी के साथ आने का खुला ऑफर तक दे दिया है. चौधरी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बना दें, तो उनको 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्षी पार्टियां समर्थन कर सकती हैं.


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