LED बल्ब की रिपेयरिंग कर जीविका दीदियां बन रहीं आत्मनिर्भर, कोरोना काल में घर खर्च चलाने में कर रहीं मदद
जीविका दीदियों ने बताया कि हम बोधगया में 5 दिनों का प्रशिक्षण लेकर आईं, उसके बाद हमें अलग-अलग क्षेत्र मिला. इसके पहले यह ट्रेनिंग स्कूल की ओर से बच्चों को दिया गया था.
![LED बल्ब की रिपेयरिंग कर जीविका दीदियां बन रहीं आत्मनिर्भर, कोरोना काल में घर खर्च चलाने में कर रहीं मदद JEevika didi is becoming self-sufficient by repairing LED bulbs, helping in household expenses during Corona period LED बल्ब की रिपेयरिंग कर जीविका दीदियां बन रहीं आत्मनिर्भर, कोरोना काल में घर खर्च चलाने में कर रहीं मदद](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/22164417/IMG-20200822-WA0050_copy_720x540.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
गया: कोरोना महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान जब लोगों की नौकरी जा रही हैं, वो बेरोजगार हो रहे हैं. इस दौर में भी जीविका दीदियां एलईडी बल्ब की रेपयरिंग कर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं. जो महिलाएं घर के अंदर रहकर घर का कामकाज देखा करती थी, वो घर की दहलीज को लांघ कर जब एलईडी बल्ब के रिपेयरिंग की ट्रेनिंग लेने पहुंची तो उस वक्त उन्हें काफी परेशानी हुई, आसपास के लोग भी ताना देते थे.
लेकिन आज जब महिलाओं ने ट्रेनिंग पूरी कर ली और लॉकडाउन जैसे विषम परिस्तिथि में जहां सभी काम-धंधे बन्द हैं. इस वक्त वे घर का काम करने के साथ ही घर खर्च का भी वहन कर रही हैं. आज कई महिलाएं जीविका से जुड़ कर मास्क निर्माण और एलईडी बल्ब , सौर ऊर्जा के उपकरणों की रिपयरिंग कर आत्मनिर्भर बन रही हैं.
मालूम हो कि अगले महीने गया के डोभी में एलईडी बल्ब फैक्ट्री शुरू होने वाली है, इसलिए जीविका दीदियों ने बल्ब के उत्पादन के लिए अपनी कम्पनी के वायर जीविका वूमेन इनिसिएटिव रेन्वयुवल एनर्जी नाम की कम्पनी भी निबन्धित करा ली है. ऐसे में फैक्ट्री शुरू होने के बाद जिले के विभिन्न प्रखंडो में वैसी जीविका दीदी जिन्होंने एलईडी बल्ब बनाने और रेपयरिंग की प्रशिक्षण प्राप्त कर ली है या बना रही हैं उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे.
इस संबंध में जीविका दीदियों ने बताया कि हम बोधगया में 5 दिनों का प्रशिक्षण लेकर आईं, उसके बाद हमें अलग-अलग क्षेत्र मिला. इसके पहले यह ट्रेनिंग स्कूल की ओर से बच्चों को दिया गया था. रिपेयर एलईडी बल्ब गांव में मोदी लाइट के नाम से काफी चर्चित है. रेपयरिंग पर प्रति बल्ब 20 रुपये मिलता है और आज घर बैठे महिलाएं काम कर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. महिलाएं महीने के 3 से 4 हजार रुपये कमा लेती हैं.
मालूम हो कि जब जिले में बड़े पैमाने पर कारखाना लगाया जाएगा, उसके बाद सौर ऊर्जा उपकरण, एलईडी बल्ब बाजारों में सस्ते दामों पर उपलब्ध होगा. फिलहाल जीविका दीदियां अभी जिले में 2 साल पहले जो लाखों सोलर लैंप बांटे गए थे, उसी की रेपयरिंग कर रही हैं, जब अगले महीने उत्पादन शुरू होगा तो बड़े पैमाने पर काम होगा.
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